Security in Diwali: दिवाली के मद्देनजर रिम्स और सदर अस्पताल में विशेष व्यवस्था की गयी है. रिम्स में सेंट्रल इमरजेंसी, सर्जरी और आई विभाग को अलर्ट मोड में रखने का निर्देश दिया गया है. सेंट्रल इमरजेंसी में 10 बेड आरक्षित रखा जायेगा. वहीं, पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवा के साथ-साथ अन्य दवाओं का स्टॉक रखा गया है. अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने कहा कि हमारे स्तर से पूरी व्यवस्था की गयी है. आवश्यकता के हिसाब से व्यवस्था बढ़ा दी जायेगी. दिवाली के दिन भी रोस्टर के हिसाब से डॉक्टर तैनात रहेंगे. इधर, सदर अस्पताल प्रबंधन ने भी दीपावली को लेकर तैयारी की है. एंबुलेंस के साथ ड्राइवर को तैनात किया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपयोग किया जा सके. वहीं, स्किन और नेत्र विशेषज्ञों को दीपावली के दिन अलर्ट रहने को कहा गया है. अस्पताल में अलग से 10 बेड आरक्षित रखा गया है. सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि हमारी ओर से पूरी तैयारी है. जरूरत के हिसाब से बेड की संख्या बढ़ायी जायेगी. हालांकि लोगों से भी अपील है कि पटाखा छोड़ते वक्त सावधानी बरतें.
दीपावली पर सदर अस्पताल ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. सदर अस्पताल की इमरजेंसी में बेड रिजर्व किये गये हैं. वहीं, अस्पताल के इनपेशेंट डिपार्टमेंट में एक सर्जन और एक फिजिशियन के साथ ही नर्सिंग स्टॉफ की तैनाती कर दी गयी है. ये तीन शिफ्टों में 24 घंटे तैयार रहेंगे. इन चिकित्सकों की ड्यूटी शनिवार से सोमवार तक अलर्ट मोड में रहेगी. रविवार को दिवाली है. इस दिन होनेवाली किसी भी दुर्घटना से निपटने के लिए अस्पताल का वार्ड भी विशेष तौर पर तैयारी कर रहा है. यहां अस्थायी तौर पर तैयार बर्न यूनिट 24 घंटे क्रियाशील रहेगी. आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में पारामेडिकल स्टॉफ की भी ड्यूटी लगायी गयी है.
24 घंटे खुली रहेगी सीएचसी
दिवाली पर राजधानी सहित ग्रामीण इलाकों में भी सुविधाएं बेहतर रहेंगी. सिविल सर्जन ने सभी सीएचसी को 24 घंटे खुला रखने का निर्देश दिया है. सीएस डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि सीएचसी में इमरजेंसी खुली रहेगी. सभी सीएचसी में पटाखा और आग से झुलसे मरीजों का इलाज होगा. सीएचसी पर दवा उपलब्ध करा दी गयी है. हर सीएचसी पर एक एंबुलेंस हर समय तैयार रहेगी.
तैयार किया गया ड्यूटी रोस्टर
सदर अस्पताल में अभी ज्यादातर बेड्स खाली हैं, इसलिए किसी भी स्थिति के लिए हम तैयार हैं. तीन दिन के लिए रोस्टर बना लिया गया है. इसी रोस्टर के अनुसार चिकित्सक अपनी ड्यूटी करेंगे. दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है. इमर्जेंसी में जांच की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. –डॉ प्रभात कुमार : सिविल सर्जन, सदर अस्पताल
दीपावली में ये बरतें सावधानी
बच्चों को पटाखा जलाने के लिए अभिभावकों की मौजूदगी में लंबी डंडी का प्रयोग करना चाहिए, जिससे इससे होनेवाले धमाके से हाथ, चेहरा या आंखों पर कोई असर नहीं हो. इसे हमेशा दूर से ही जलायें. बड़े धमाके, चकरी और अनार जैसे पटाखों से हाथ और चेहरों पर चोट या जलने के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं. किसी भी तरह के स्किन बर्न की स्थिति में उसे फौरन टैप वाटर या ठंडा पानी से ज्यादा से ज्यादा धोएं. जले हुए स्थान पर साफ गीला कपड़ा रखने से दर्द और सूजन को दूर करने में मदद मिलती है. फर्स्ट डिग्री बर्न पर ही पिगमेंटेशन यानी दाग की संभावना रहती है. जख्म ज्यादा होने पर एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल क्रीम का उपयोग होना चाहिए. ऐसे में होम रिमेडी यानी घरेलू उपाय की जगह पर फौरन किसी नजदीकी स्किन स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए. – डॉ संतोष मोदी : स्किन स्पेशलिस्ट
पटाखे हमेशा शरीर से दूर रखकर ही जलाना चाहिए. छोटे बच्चे हमेशा अभिभावक की मौजूदगी में ही पटाखे में आग लगायें. आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आतिशबाजी करते समय सुरक्षात्मक चश्मे पहनें. आतिशबाजी वाले क्षेत्र से सभी ज्वलनशील चीजों को हटा लें. पटाखा मिसफायर होने पर उसे नजदीक से देखने नहीं जायें. अगर आंख बारूद के संपर्क में आया हो तो उसे फौरन टैप वाटर से ज्यादा से ज्यादा वॉश करें ताकि आंखों के अंदर गये बारूद के कण बाहर निकल जायें. रेटिना पर असर होने पर फौरन किसी नजदीकी अस्पताल या इमरजेंसी में दाखिल होना चाहिए.
डॉ दीपांकर, नेत्र रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल रांची