पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार वन मंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Minister Jyotipriya Mallik) फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं. कमांड हॉस्पिटल में मंत्री की चिकित्सीय जांच करायी गयी. सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी कार्यालय से कमांड हॉस्पिटल ले जाने के दौरान वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे. ईडी के दो अधिकारी उन्हें सहारा देकर वाहन की ओर ले जा रहे थे. तभी पत्रकारों के समक्ष उन्हें धीमी आवाज में यह कहते सुना गया : अब बचूंगा नहीं, मर जाऊंगा. हालत ठीक नहीं है. कमांड हॉस्पिटल से चिकित्सीय जांच के बाद उन्हें जब वापस ईडी कार्यालय ला जा रहा था, तब पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने कहा : सेहत बहुत ज्यादा खराब है. लगभग ‘मृत्युशय्या’ पर हूं. शरीर का बांया हिस्सा प्राय: लकवाग्रस्त हो गया है.
इसी बीच, जब पत्रकारों ने उनसे यह पूछा कि क्या मामले में गिरफ्तार व्यवसायी बकीबुल रहमान द्वारा उनकी पत्नी और बेटी को करीब नौ करोड़ रुपये बिना ब्याज के ऋण दिये गये थे? इसपर उन्होंने बस इतना कहा कि ‘यह गप्पबाजी छोड़ दें.’ इस दिन भी उन्होंने खुद को निर्दोष होने का दावा किया है. इसके पहले, गत शुक्रवार को कमांड हॉस्पिटल में मंत्री मल्लिक की चिकित्सीय जांच करायी गयी थी. उस वक्त भी उन्होंने खुद के अस्वस्थ होने का दावा किया था. साथ ही कहा था कि उनके बायां हाथ और पैर में लकवा मार सकता है. इधर, घोटाले और उनके परिजनों की संपत्तियों को लेकर पूछे गये सवालों का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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गौरतलब है कि ईडी के अधिकारियों ने 20 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ के बाद मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को राशन वितरण घोटाले में गत 27 अक्तूबर को तड़के साॅल्टलेक स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. मल्लिक ने 2011 से 2021 तक खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया था और इस अवधि में राशन वितरण में कथित अनियमितताएं हुईं.