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बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों के लिए आया फरमान, पहले से कहीं कर रहे नौकरी तो देना होगा इस्तीफा..

बिहार में BPSC के द्वारा की गयी शिक्षक बहाली परीक्षा के द्वारा चयनीत नवनियुक्त शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ये बहाली वन रिजल्ट वन जॉब के तहत है. इसलिए अगर कोई कहीं पहले से नौकरी कर रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर ही बिहार में बतौर शिक्षक ज्वाइनिंग मिलेगी.

BPSC के द्वारा शिक्षक बहाली परीक्षा आयोजित की गयी और नये शिक्षकों की नियुक्ति बिहार में हुई है. नवनियुक्त शिक्षकों की ट्रेनिंग करायी जा रही है. इस बीच शिक्षा विभाग ने एक फरमान जारी किया है. जिलों के बीइओ और हेडमास्टर को निर्देश दिया गया है कि कोई भी नवनियुक्त शिक्षक एकसाथ दो नौकरी ज्वाइन नहीं करेंगे, इसकी अच्छी तरह जांच हो. विभाग ने बताया कि यह नौकरी वन रिजल्ट वन जॉब के तहत दी गयी है. यानी अगर कोई ऐसे अभ्यर्थी इस बहाली में सफल हुए हैं और नियुक्ति पत्र पाए हैं जो पहले से किसी नौकरी का लाभ पा रहे हैं तो उन्हें पहले एक नौकरी से इस्तीफा देना होगा. उसके बाद ही बिहार में शिक्षक की नौकरी वो कर सकेंगे.

बिहार में नए शिक्षकों के लिए फरमान

बता दें कि बिहार में बड़े स्तर पर शिक्षकों की बहाली की गयी है. बिहार में शिक्षक बहाली के पहले फेज में 1,20,336 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. हाल में ही पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों नये नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया. जिलों में भी नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसी राज्य में शिक्षकों की बहाली की गयी है. वहीं बिहार में पहली बार बीपीएससी के द्वारा शिक्षक बहाली परीक्षा आयोजित की गयी. बिहार में शिक्षक बनने के लिए अन्य नौकरी में लगे लोग भी इच्छुक दिखे. कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है जो कहीं सरकारी नौकरी या प्राइवेट जॉब कर रहे हैं. वैसे नवनियुक्त शिक्षकों के लिए अब फरमान जारी किया गया है कि वो उक्त नौकरी से इस्तीफा दें, उसके बाद ही उन्हें बिहार में शिक्षक के पद पर ज्वाइन कराया जाएगा. इसके लिए बीइओ को निर्देशित किया गया है कि वो नवनियुक्त शिक्षकों का त्यागपत्र, विरमण पत्र और अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूर जमा कराएं. इसके बाद ही उन्हें ज्वाइन कराया जाएगा.

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दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर बने शिक्षक

हाल में जब पटना के गांधी मैदान में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया तो इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का माहौल अब बदला है. बिहार में शिक्षक बनने के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों, रेलवे, बैंक और बड़ी-बड़ी कंपनियों को छोड़कर अभ्यर्थी आए हैं. वे बिहार में अब शिक्षक बने हैं. अलग-अलग राज्यों से आकर अभ्यर्थी यहां शिक्षक बने हैं. जिनका चयन हुआ है उनमें 88 फीसदी बिहार से तो 12 प्रतिशत शिक्षक अन्य 14 राज्यों से आते हैं.

नए शिक्षकों के लिए सरकार की तैयारी

गौरतलब है कि बिहार में दूसरे फेज की शिक्षक बहाली भी घोषित हो चुकी है. वहीं पहले फेज के नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है. इस बीच शिक्षा विभाग की ओर से कई अहम कदम उठाए गए हैं. नए शिक्षकों को गांव के स्कूलों में तैनात किया जाएगा. इसके लिए अब उनके लिए मकान, फ्लैट किराए पर लिए जाने का फैसला लिया गया है. सरकार की ओर से अब शिक्षकों को फ्लैट, मकान किराए पर मिलेगा. वहीं नए शिक्षकों को टैब भी सरकार देगी. वहीं विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर किसी शिक्षक को ग्रामीण इलाके में ज्वाइनिंग से परेशानी है तो वो नाैकरी त्याग सकते हैं.

बिहार के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों की समस्या होगी दूर

दरअसल, बिहार के गांवों में 66 हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं. यहां शिक्षकों के औसतन 60 प्रतिशत पद खाली पड़े थ. जिसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है. अब उन स्कूलों में नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. इन स्कूलों में अब मौजूदा दौर के सबसे बेहतरीन शिक्षक पहुंचेंगे. जिसके बाद विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में भी इजाफा होगा. करीब-करीब तीन चौथाई रिक्त पद भर जाएगा. जिससे ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब शहरी क्षेत्र के स्कूली बच्चों से कम नहीं आंके जा सकेंगे.

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