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बिहार में डाक विभाग बांटेगा पुलिस की चिट्ठियां, डाक बांटनेवाले सिपाहियों को अब मिलेगी ला एंड आर्डर की डयूटी

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि परीक्षण के रुप में 21 नवंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डाक विभाग के माध्यम से पुलिस डाक का वितरण कराया जायेगा. इसके बाद इसकी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यकता के अनुसार सुधार के उपाय किये जायेंगे.

पटना. बिहार पुलिस के कार्यालयों व थानों तक चिट्ठियां (डाक) पहुंचाने की जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार का डाक विभाग निभायेगा. इससे बिहार पुलिस को जहां सालाना करीब 60 करोड़ रुपये की बचत होगी, वहीं इस कार्य में लगे करीब एक हजार सिपाही (मानव बल) को इससे अलग कर विधि-व्यवस्था आदि कार्यों में लगाया जा सकेगा.

डाक विभाग के साथ हुआ समझौता

बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को नियमित ब्रीफिंग में बताया कि पुलिस मुख्यालय ने डाक वितरण की जिम्मेदारी डाक विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है. इसके लिए एक सप्ताह के अंदर केंद्रीय डाक विभाग एवं पुलिस मुख्यालय के बीच समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जायेगा. उन्होंने बताया कि परीक्षण के रुप में 21 नवंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डाक विभाग के माध्यम से पुलिस डाक का वितरण कराया जायेगा. इसके बाद इसकी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यकता के अनुसार सुधार के उपाय किये जायेंगे.

अनावश्यक प्रतिलिपि भेजने पर लगी रोक

एडीजी मुख्यालय ने बताया कि सामान्य पत्राचार को लेकर जिलों के पदाधिकारियों को इ-मेल का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है. अनावश्यक प्रतिलिपि भेजने पर भी रोक लगायी गयी है. इ-मेल से पत्र भेजे जाने पर समय की बचत होगी ही, व्यय होनी वाली राशि भी कम होगी. आधिकारिक इ-मेल से पत्राचार होने पर पत्र की गोपनीयता भी बनी रहेगी.

डाक पर हर माह पांच करोड़, सालाना 60 करोड़ का खर्च

उन्होंने बताया कि करीब एक हजार सिपाही राज्य के 1066 पुलिस थाना और पुलिस महकमे से संबंधित 104 कार्यालय के बीच आंतरिक डाक वितरण का कार्य करते हैं. एक सिपाही का औसत वेतन 50 हजार हो, तो प्रतिमाह पांच करोड़ रुपये और सालाना 60 करोड़ रुपये डाक वितरण पर खर्च होता है. इसके अतिरिक्त डाक वितरण हेतु यात्रा भत्ता भी दिया जाता है.

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60 करोड़ रुपये की तुलना में खर्च होंगे महज 75 लाख

लगभग 2.50 लाख डाक का वितरण हर साल किया जाता है. डाक विभाग द्वारा प्रति डाक 30 रुपये की राशि ली जायेगी. इन्हें डाक विभाग के माध्यम से भिजवाया जाये तो करीब 75 लाख रुपये ही खर्च होगा. माना जाये कि करीब एक करोड़ रुपये भी खर्च होगा, तब भी 60 करोड़ रुपये की तुलना में यह राशि बेहद कम है.

50 ग्राम तक के डाक पर 15 से 35 रुपये खर्च

डाक विभाग से समझौता होने पर 50 ग्राम तक के डाक को स्थानीय स्तर पर 15 रुपये में जबकि 2000 किमी तक 35 रुपये में पहुंचाया जा सकेगा. वहीं, 201 ग्राम से 500 ग्राम ओर 500 ग्राम से अतिरिक्त प्रत्येक डाक के लिए किलोमीटर के अनुसार अलग-अलग डाक शुल्क निर्धारित है. इसमें न्यूनतम 10 रुपये से 90 रुपये तक निर्धारित है.

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