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झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए कला-संस्कृति मंत्री, कही ये बात

संस्कृति मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि प्रकृति के सबसे करीब रहने वाले आदिवासी समाज की प्रकृति पूजक के रूप में खास पहचान है. उन्होंने कहा कि कला संस्कृति के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव मदद पहुंचाने के लिए काम कर रही है.

मधुपुर रेलवे फुटबॉल मैदान में योर्स क्लब के तत्वावधान में दो दिवसीय बाल मेला सह झारखंड स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण सह पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने किया. अतिथियों ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर पर माल्यार्पण किया. मंत्री ने कहा कि मधुपुर में पहले काफी कलाकार थे और हमेशा नाटकों का मंचन समेत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन होते रहते थे. उन्होंने कहा कि उनके पास कला-संस्कृति विभाग भी है, अगर यहां के लोग बड़े स्तर पर कार्यक्रम कराते है तो वो फंड भी मुहैया करा देंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए कलाकार और संस्कृतिकर्मी आगे आयें. कहा कि कार्यक्रमों का आयोजन कर सांस्कृतिक माहौल को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. यह मधुपुर की मधुपुरियत है. उन्होंने कहा कि वे मधुपुर नगर पुस्तकालय के लिए राशि देने जा रहे है. वहीं आंबेडकर पुस्तकालय के संचालन के लिए भी जल्द ही राशि देंगे. करौं में भी एक पुस्तकालय शुरू कराने की योजना पर काम जारी है. सभा को एसडीओ आशीष अग्रवाल व एसडीपीओ विनोद रवानी समेत योर्स के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया.


मंत्री ने आदिवासी गायन जतरा का किया उद्घाटन

मारगोमुंडा प्रखंड क्षेत्र के नावाडीह स्कूल मैदान चैलेंजर क्लब के तत्वावधान में आयोजित आदिवासी गायन जतरा का उद्घाटन झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण सह पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने किया. इस दौरान मंत्री ने कहा कि प्रकृति के सबसे करीब रहने वाले आदिवासी समाज की प्रकृति पूजक के रूप में खास पहचान है. परंपरागत गीत- नृत्य के माध्यम से वे अपनी भावनाओं को प्रकट करते है. संथाली गायन जतरा भी इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि कला संस्कृति के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव मदद पहुंचाने के लिए काम कर रही है. मंत्री ने कहा कि शिक्षा व कला के माध्यम से समाज का उत्थान संभव है. कहा कि आदिवासी समाज में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है. यह समाज सभी कार्यों को अनुशासन में रह कर निबटारा करने में माहिर है. वहीं पश्चिम बंगाल के मालदा से आये ओनालिया मान व काली सोरेन की टीम ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया. कलाकारों ने आदिवासी समाज के उत्थान को लेकर कई तरह की बाजीगरी कला की प्रस्तुति दी. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने के उद्देश्य से नाट्य रूपांतरण की प्रस्तुति दी.

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