संजीव सिंह, रांची:
राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने विश्वविद्यालयों में गुणवत्तायुक्त शोध कार्य के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है. राज्यपाल ने उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वे राज्य के सभी प्राइवेट विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा से लेकर रजिस्ट्रेशन तक के लिए शुल्क का निर्धारण करें. सचिव को कहा गया है कि वे विवि के नियमानुसार शुल्क फिक्स करें तथा शुल्क व शोध कार्य के लिए रेगुलेशन बनायें. राज्यपाल ने राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालय में भी पीएचडी प्रवेश परीक्षा शुल्क में एकरूपता लाने का निर्देश दिया है. इसके लिए सभी सरकारी विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र भेज कर कहा गया है कि इसका प्रवेश परीक्षा शुल्क 2000 रुपये निर्धारित करें. राज्यपाल के ओएसडी (जे) मुकुलेश चंद्र नारायण ने इस बाबत सभी कुलपति व उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र भी भेजा है.
सरकारी विवि में शुल्क में नहीं है एकरूपता :
राज्य के सरकारी विवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा शुल्क निर्धारण में एकरूपता नहीं है. रांची विवि में पूर्व में प्रवेश परीक्षा शुल्क सामान्य जाति के लिए 2500 रुपये व फॉर्म शुल्क 300 रुपये निर्धारित था. बाद में इसमें संशोधन कर विवि प्रशासन ने परीक्षा शुल्क 1900 रुपये व फॉर्म का शुल्क 300 रुपये निर्धारित किया है. इस तरह विवि में एक अभ्यर्थी को 2200 रुपये शुल्क जमा करना पड़ता हैं. इसी प्रकार विनोबा भावे विवि में सामान्य व पिछड़ी जाति के लिए शुल्क 1500 रुपये हैं. जबकि यहां फॉर्म का शुल्क नहीं लिया जाता है. वहीं डीएसपीएमयू में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रवेश परीक्षा शुल्क 4000 रुपये है. फॉर्म शुल्क नहीं लिया जाता है. कोल्हान विवि में सामान्य वर्ग के लिए प्रवेश परीक्षा शुल्क 1000 रुपये निर्धारित है. विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा शुल्क 1000 रुपये हैं. जबकि सिदो-कान्हू मुर्मू विवि में प्रवेश परीक्षा फॉर्म शुल्क 2000 रुपये निर्धारित है.
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