Tata Consultancy Services ने अपने दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को एक साथ ट्रांसफर नोटिस भेजा दिया है. आईटी क्षेत्र के कर्मचारी अधिकार संगठन नैसेंट इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी एंप्लाई सीनेट (NITES) ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि कंपनी ने सभी कर्मचारियों को अगले 15 दिनों में ट्रांसफर किये गए लोकेशन पर ज्वाइंन करने का निर्देश दिया है. कथित तौर पर अब NITES ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के खिलाफ श्रम मंत्रालय में शिकायत दर्ज की है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, NITES ने मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि कंपनी 2,000 से अधिक कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित कर रहा है. टीसीएस कर्मचारियों को ईमेल भेजकर उनके मुंबई सहित अन्य स्थानों पर स्थानांतरण के बारे में सूचित कर रही है. कथित तौर पर ईमेल में कहा गया है कि व्यावसायिक आवश्यकताओं के कारण स्थानांतरण आवश्यक हैं. कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल के अनुसार, कर्मचारियों को दो सप्ताह के भीतर नए स्थान पर रिपोर्ट करना होगा और बाद में इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी. जिन कर्मचारियों को ट्रांसफर ई-मेल किया गया है, उनमें अधिकांश कर्मचारी 1-2 वर्ष के अनुभव श्रेणी में हैं, जिनमें से एक बड़ा वर्ग हैदराबाद बेस स्थान से आता है.
अगस्त के महीने से कर्मचारियों को किया जा रहा मेल
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसफर के लिए कर्मचारियों के अगस्त के महीने से ई-मेल किया जा रहा है. कर्मचारियों को दो हफ्ते में अपने लोकेशन पर ज्वाइंन करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गयी है. ट्रांसफर किये गए कर्मचारियों के ट्रैवल और ठहरने का खर्च कंपनी के द्वारा बाद में भुगतान किया जाएगा. कंपनी के मेल के बाद टीसीएस के 180 से ज्यादा कर्मचारियों ने नैसेंट इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी एंप्लाई सीनेट में शिकायत की थी.
क्या कहते हैं कंपनी के कर्मचारी
कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी बिना उनके सहमती और पूरी जानकारी के दूसरे शहर में भेज रही है. इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. NITES के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने ट्रांसफर का फैसला लेते वक्त कर्मचारियों के पारिवारिक और वित्तीय दिक्कतों का ध्यान नहीं रखा. कंपनी के फैसले से कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है. कंपनी के आदेश के बाद, दो हजार से ज्यादा कर्मचारी, ट्रांसफर किये गए जगहों पर चले गए. वर्तमान में 150 से 200 कर्मचारी अभी रूके हुए हैं.
क्या दिया टीसीएस ने जवाब
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों के ट्रांसफर के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि ट्रांसफर का फैसला पूरी तरह से एक रूटीन फैसला. ये फैसला ज्यादातर फ्रेशर्स कैंडिडेट के लिए लागू किया गया है. जो अलग-अलग जगहों पर ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं. अब उन्हें उनके असली प्रोजेक्ट के लिए तैनात किया जा रहा है. हालांकि, कंपनी की तरफ से कर्मचारियों के आरोप पर कुछ कहने से इनकार कर दिया गया. गौरतलब है कि हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने एक और फैसला दिया था. इसमें कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ऑफिस से आकर काम करना अनिवार्य कर दिया था.
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