छठ पूजा 2023 (Chhath Puja 2023) महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू हो रहा है. इसका पौराणिक महत्व तो है ही, इसके पीछे गहरा विज्ञान भी छुपा हुआ है. इसके सामाजिक आधार भी बहुत मजबूत है. छठ मे प्रमुख रूप से सूर्य पूजन का महत्व है. सूर्य प्रत्यक्ष देवता माने जाते हैं. चार दिनो के इस पर्व मे खरना, उपवास और सूर्य को अर्घ देना हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इस बात को हमारे शरीर पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों से समझा जा सकता है.
Chhath Puja 2023 : कुल मिलाकर छठ महापर्व मे आदर्श मानव जीवन का संदेश निहित है. इन बिंदुओ से समझिए, अगर हम छठ के नियम कायदे का पालन करें, तो हमारे दैनिक जीवन में कितना बड़ा बदलाव आयेगा.
Chhath Puja 2023 : छठ महापर्व के दौरान सबसे पहले हर तरफ साफ सफाई की जाती है. इस पर्व के दौरान गलियों, मोहल्लों, सड़को के साथ-साथ रास्तों, बगीचों, नदियों, जलाशयों को साफ किया जाता है. गांव के पोखर और कुएं की तो विशेष तौर पर सफाई होती है.
Chhath Puja 2023 : सड़कों को भी इस पर्व के लिए साफ किया जाता है. वास्तव मे छठ महाव्रत सदियों पुराना स्वच्छ भारत अभियान ही है. इस पर्व की पहली शर्त ही सफाई है.
Chhath Puja 2023 : छठ पूजा मे जिन सामग्रियों का उपयोग होता है, वे सभी हमारे शरीर को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. आंवला औषधि के रुप मे शरीर मे ऊर्जा प्रदान करता है. इसमे कैल्शियम तो है ही, कई विटामिंस भी है.
Chhath Puja 2023 : मनुष्य के शरीर मे रंगों का संतुलन बिगड़ने से भी कई बीमारियो का शिकार होने की आशंका रहती है. प्रिज्म के सिद्धांत के मुताबिक सुबह सूर्य को जल अर्पित करते समय पानी से गुजर कर शरीर पर पड़ने वाले प्रकाश से ये रंग संतुलित हो जाते है. इससे रोग प्रतिरोधक कमता बढ़ जाती है. त्वचा के रोग कम होते है. सूर्य की रोशनी से शरीर को विटामिन डी मिलता है.
Chhath Puja 2023 : छठ पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस पर्व मे सादगी है, पवित्रता है और यह हमे प्रकृति के नजदीक लाता है.
Chhath Puja 2023 : इस पर्व में सेहत को सही रखने वाले सामग्रियों का सेवन किया जाता है. गन्ने के रस और गुड़ से शारीरिक कमता बढ़ती है. नारियल का पानी ब्लड प्रेशर को नियंत्रत रखता है साथ ही यह पेट के लिए भी फायदेमंद है. मकई, जाफर, गाजर और मूली से कैल्शियम मिलता है.
Chhath Puja 2023 : धीरे-धीरे सभ्यता की ओर उन्मुख भारतीय मानस ने देखा कि अन्न, फल -फूल, सब्जी -भाजी के उपजने व पकने में भी सूरज की गर्मी का हाथ है. यही कारण है कि सूर्य प्रथम देव हो गए.
Chhath Puja 2023 : छठ की विस्तार बिहार-यूपी से बढ़कर अब सात समंदर पार तक हुआ है. यह पर्व अब देश के कई राज्यों के साथ ही विदेशों में भी होने लगे हैं.
Chhath Puja 2023 : दूर रहने वाले लाेग छठ में अपने घर नहीं लौट पाते हैं. लेकिन अब उन्होंने वहीं छठ करना शुरू कर दिया जहां वो रहते हैं. यूरोप, अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया वगैरह में छठ का विस्तार हुआ है.