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धनबाद में छठ को लेकर बाजार में रौनक, प्रशासन का क्या है खास इंतजाम

शहर से भारी संख्या में लोग अपने-अपने घर जा रहे हैं, तो दूसरे राज्यों व शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग छठ में शामिल होने के लिए धनबाद आ रहे हैं. इस वजह से बसों व ट्रेनों में भारी भीड़ है, तो भाड़े और प्राइवेट गाड़ियों की सड़कों पर आवाजाही भी बढ़ गयी है

नहाय-खाय के साथ शुक्रवार से शुरू होने वाले छठ महाव्रत को लेकर शहर से लेकर गांव तक की गलियां छठ के गीतों से गूंजने लगी हैं. फल बाजार और पूजन सामग्री की दुकानें गुलजार हो गयी हैं, तो दूसरी ओर नहाय-खाय को लेकर गुरुवार को कद्दू की खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ रही. इधर, छठ महाव्रत की तैयारी को लेकर कई निर्देश भी जारी किये गये हैं. छठ घाटों तक वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी, तो जाम से निजात के लिए ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव होगी. सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त पुलिस की तैनाती होगी, तो मेडिकल की टीम, एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी. दूसरी ओर व्यवस्था चुस्त रहे इसके लिए सीसीटीवी से निगरानी की जायेगी.

इधर, नेम-निष्ठा के इस महापर्व को लेकर शहर में भक्ति का माहौल है. शहर से भारी संख्या में लोग अपने-अपने घर जा रहे हैं, तो दूसरे राज्यों व शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग छठ में शामिल होने के लिए धनबाद आ रहे हैं. इस वजह से बसों व ट्रेनों में भारी भीड़ है, तो भाड़े और प्राइवेट गाड़ियों की सड़कों पर आवाजाही भी बढ़ गयी है. रेलवे ने स्टेशनों में भीड़ से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किये हैं. आरपीएफ को अलर्ट कर दिया गया है.

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गांव से लेकर शहर तक के छठ घाटों की सफाई में जहां प्रशासन लगा हुआ है, वहीं आमजन भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इस वजह से गंदगी से पटे रहने वाले छठ घाटों का रूप-रंग निखर गया है. सड़कों की सफाई, मरम्मत और लाइटिंग की व्यवस्था भी जारी है. बाजार के जानकारों के अनुसार इस बार छठ पर भी बाजार बूम पर है. फल बाजार में तरह-तरह के फल हैं, तो खरीदारों में भी उत्साह है. रोज लाखों की खरीदारी जारी है.

कल खरना अनुष्ठान के साथ शुरू हो जायेगा 36 घंटे का निर्जला उपवास

छठ महापर्व के पहले दिन शुक्रवार को नहाय-खाय का अनुष्ठान है. घर में कद्दू, चावल, चने की दाल और अन्य व्यंजन तैयार कर भगवान को अर्पित करेंगे. व्रती इसे संकल्प के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे. महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना का अनुष्ठान होगा. छठ व्रती दिनभर उपवास रखेंगे. सूर्यास्त के बाद छठी मैया की पूजा-अर्चना करेंगे और खीर, रोटी, केला और नैवेद्य अर्पित करेंगे. व्रती स्वयं इन व्यंजनों को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करेंगे. यहीं से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा, जो सोमवार सुबह अर्घ देने के बाद पूरा होगा.रविवार को छठ व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ देंगे. सोमवार को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही महापर्व का समापन हो जायेगा.

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