९० के दशक के अभिनेता बिजय आनंद एक लम्बे ब्रेक के बाद अभिनय में फिर से सक्रिय हुए हैं. एक एक्टर के तौर पर उनकी प्राथमिकता अब सिर्फ अच्छा किरदार है और इसके लिए उनके लिए माध्यम कोई मायने नहीं रखता है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
एक्टर के तौर पर कैरियर की इस सेकेंड इनिंग को कितना एन्जॉय कर रहे हैं ?
बहुत ज़्यादा एन्जॉय कर रहा हूं. उसकी वजह ये है कि पहली इनिंग में ये मेरा प्रोफेशन था मतलब काम मिला तो अच्छा नहीं तो असुरक्षा की भावना , पैसे नहीं. कमाई कहां से होगी. मतलब प्रोड्यूसर बात कर रहा है ,तो कितने पैसे देंगे. पैसे अच्छे हैं तो रोल नहीं तो बहुत ज़्यादा दिक्कतें थी. अब मैं अलग जगहों से कमाई कर रहा हूँ। आर्ट इंडस्ट्री में मेरा बड़ा नाम है. पैसों का प्रेशर नहीं है तो मैंने ऐसे बड़े प्रोडक्शन हाउसेज को ना कहा , जिसका नाम सुनकर आपको यकीन नहीं होगा. मैं करियर की इस इनिंग को एन्जॉय करना चाहता हूं. मैं सिर्फ इस काम को अपने अभिनय के प्रति पैशन को पूरा करने के लिए करना चाहता हूं.
किस तरह के किरदार आपकी प्राथमिकता हैं ?
आप मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए कितने पैसे देंगे. अभी ये सवाल नहीं रहता है. जिससे एक अलग आज़ादी का अनुभव करता हूं.
इंडस्ट्री बहुत ज़्यादा मनी ड्रिवेन है , क्या इससे काम मिलने में आसानी होती हैं ?
देखिये काम के सम्मान में एक सम्मानजनक राशि मिलनी ही चाहिए. मैं एक घटना का जिक्र करना चाहूंगा. मुझे एक बड़े प्रोडक्शन हाउस से कॉल आया उन्होंने मुझे एक किरदार ऑफर किया कहा कि आप कितना चार्ज करेंगे. मैंने कहा कि जो भी आपको सम्मानजनक लगे. उन्होंने कहा कि ठीक है २१ हज़ार रुपये ले लीजिये. मैंने बोला कि आप ग्यारह रुपये दे दीजिये. उन्होंने बोला आप ऐसे कैसे बात कर रहे हैं. हमलोग इतने बड़े प्रोडक्शन हाउस है. मैंने कहा लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है. मुझे आपके साथ काम नहीं करना है. मैंने सामने से ना बोल दिया था. इंडस्ट्री बहुत अजीब है. बाहुबली वेब सीरीज के तौर पर नेटफ्लिक्स पर आनेवाला था. उसकी शूटिंग के लिए हैदराबाद गया था. उन्होंने मुझे ऐसी वैनिटी वैन दी थी, जो थर्ड ग्रेड के सीरियल में भी आर्टिस्ट को नहीं देते हैं. आप बड़े स्टार्स को राजाओं की तरह ट्रीट करो और बाकी को एक्टर्स के साथ इतना बुरा व्यवहार कैसे करते हैं. मैंने वो शो छोड़ दिया. कुछ समय बाद पता चला शो ही स्क्रैप हो गया. मैंअपने शर्तों पर काम करता हूं.
आपके पास फिलहाल कौन से प्रोजेक्ट्स हैं और उनमें आपका किरदार कितना खास है ?
अक्षय कुमार , टाइगर श्रॉफ के साथ बड़े मिया छोटे मिया मेरी अगली फिल्म है. लोग मुझे योग गुरु के तौर पर जानते हैं. परदे पर भी ऐसे किरदार किये हैं , जो बहुत ही शांत और भले टाइप के रहे हैं , लेकिन इस फिल्म में मैं आतंकी बना हूं. एक एक्टर के तौर पर आप यही ग्राफ एक्टिंग तो चाहते हैं. इस फिल्म के अलावा एक फिल्म विद्युत् जामवाल के साथ है, जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार है. मुझे लगता है कि वो फिल्म मेरे लिए गेम चेंजर साबित होगी.
अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ के साथ काम का अनुभव कैसा रहा ?
अक्षय के साथ जब आप काम कर रहे हैं, तो सेट पर डेढ़ से दो सौ जोक होते ही हैं. टाइगर को काफी समय से जानते हैं. हम एक ही जिम में जाते हैं तो सेट पर काफी अच्छा शूटिंग अनुभव रहा.
मौजूदा दौर के एक्शन स्टार टाइगर और विद्युत जामवाल के अनुभव को आप किस तरह से परिभाषित करेंगे?
टाइगर का समर्पण अलग लेवल का है. समर्पण एक अलग तरह का योग है. जिस तरह से आप ट्रेनिंग करते हैं. आप खाने में परहेज करते हैं। वो किसी योगी से कम नहीं है. टाइगर के लिए एक अलग ही सम्मान मेरे दिल में है. विद्युत् को मैं सिर्फ इस इंडस्ट्री नहीं बल्कि पूरी दुनिया के चुनिंदा अच्छे लोगों में से एक कहूंगा. वह मेरी फिल्म के हीरो और निर्माता हैं इसलिए मैं ऐसा नहीं बोल रहा हूं , अगर कोई बुरा है तो मैं उसके मुंह पर यह दूंगा,लेकिन विद्युत् एक बहुत उम्दा इंसान है. उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता है वो अलग ही लेवल की है. यह बात किसी से छिपी नहीं हैं.
क्या हमेशा से आप में यह बेबाकी रही है ?
उस वक़्त भी मेरा नज़रिया ऐसा ही था. उस वक़्त का सिस्टम तो बहुत ही अजीब था. उस वक़्त के प्रोड्यूसर को लगता था कि आप उनके ऑफिस में बैठे रहो और दिन भर उनकी चापलूसी करते रहो,तो आपको वह अपनी फिल्म में कास्ट करेंगे लेकिन मैं वैसा नहीं था. मेरा साफ़ था कि मैं चमचागिरी नहीं कर सकता हूं. ये मेरा डांसिंग वीडियो है. इस फिल्म में मेरी ये एक्टिंग है. आप देख लीजिये और तय कीजिये कि आपको कास्ट करना है या नहीं.
योग ने आप में क्या बदलाव लाया है ?
योग ने मेरा नज़रिया बहुत ही सकारात्मक कर दिया है. आपको ये बात समझ आ जाती है ,जो अच्छा हो. वो तो अच्छा है ही लेकिन जो बुरा हो रहा है. वो बुरा नहीं है, बल्कि आपको उससे सीख लेनी है. ऐसे में दुःख नाम की चीज़ आपकी ज़िन्दगी से निकल जाती है.
आपका आर्ट का बिजनेस है , योग गुरु भी हैं और एक्टर भी कैसे तीनों चीज़ों को मैनेज करते हैं?
एकदम आसानी से सब मैनेज होता है. जो चीज़ आपको टेंशन दे रही है मतलब वो आपको काटनी हैं. मुझे इन तीनों से प्यार है. मैं कुछ तय नहीं करता कि अभी ये करना है. वो नहीं.लाइफ में अगर आप ये तय करेंगे कि मुझे यही करना है तो आपकी लाइफ ख़त्म हो गयी है. यही वजह है कि आज की तारीख में ९० प्रतिशत लोग दुखी हैं. क्यूंकि वो तय करते हैं कि लाइफ में चाहिए ।ये नहीं ।आप लाइफ को सरेंडर कर दो.
योग को आप कितना समय देते हैं ?
पूरा दिन मेरा योग चलतारहता है ,जैसे मैं खाते हुए भले कुर्सी पर बैठूं,लेकिन मैं कुर्सी के ऊपर चौकड़ी मार के ही बैठूंगा. खाते हुए खाना कितनी बार चबा रहे हैं. पानी खाने के साथ पी रहे हैं या नहीं. खाने में घी कितना डाला, वो भी योग है. आसान करना योग नहीं है,वो आसन है. आपके जीने का तरीका ,सोच ,सांस लेने का तरीका बैठने का तरीका वो सब योग है. वो मेरा पूरा दिन चलता रहता है.