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क्या हुआ जब पीएम मोदी ने देखा अपना डीपफेक वीडियो?

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि जहां उन्होंने कुछ चीजों के बारे में विचार व्यक्त किए हैं वहीं उन्हें इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मीडिया का सहयोग चाहिए. ‘डीप फेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का उपयोग करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल ‘डीप फेक’ बनाने के लिए किया जाना चिंताजनक है. साथ ही उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग और प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया. यहां पार्टी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गरबा महोत्सव में गाते हुए अपना एक वीडियो देखा, जबकि उन्होंने स्कूल के दिनों से ऐसा नहीं किया है. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, यहां तक कि जो लोग उन्हें प्यार करते हैं, वे भी वीडियो को एक दूसरे से साझा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में ‘डीप फेक’ एक बड़ा संकट पैदा कर सकते हैं और यहां तक कि समाज में असंतोष की आग भी भड़का सकते हैं क्योंकि लोग मीडिया से जुड़ी किसी भी चीज पर उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान देते हैं. उन्होंने कहा, कृत्रिम मेधा के माध्यम से उत्पादित ‘डीप फेक’ के कारण एक नया संकट उभर रहा है. समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है.

जागरुकता फैलाने के लिए मीडिया का चाहिए सहयोग

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि जहां उन्होंने कुछ चीजों के बारे में विचार व्यक्त किए हैं वहीं उन्हें इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मीडिया का सहयोग चाहिए. ‘डीप फेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का उपयोग करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कुछ विवादास्पद टिप्पणियों वाली फिल्म आती थी और चली जाती थीं, लेकिन अब यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन भी इस आधार पर मुश्किल हो जाता है कि उन्होंने समाज के कुछ तबकों का अपमान किया है, भले ही उन्हें बनाने में भारी राशि खर्च की गई हो.

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केवल शब्द नहीं हैं बल्कि जमीनी हकीकत

मोदी ने सुझाव दिया कि जिस तरह सिगरेट जैसे उत्पाद स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों के साथ आते हैं, उसी तरह ‘डीप फेक’ के मामलों में भी होना चाहिए. वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने के अपने संकल्प का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये केवल शब्द नहीं हैं बल्कि जमीनी हकीकत हैं. उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को लोगों का समर्थन मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि गत एक सप्ताह में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जिसमें दिवाली और छठ से संबंधित खरीददारी शामिल है. मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की उपलब्धियों ने लोगों में विश्वास पैदा किया कि देश अब रुकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि लगभग 130 देशों ने भारत द्वारा आयोजित एक ‘ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन’ में भाग लिया. उन्होंने इसे बड़ी उपलब्धि बताया. ‘दिवाली मिलन’ कार्यक्रम में भाग लेने से पहले उन्होंने इस सम्मेलन को संबोधित किया था.

भारत को एक भव्य देश बनाने की ओर ले जा रहा

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि एक राष्ट्र के जीवन में एक समय आता है जब वह शिखर की ओर बढ़ता है और यही भारत के साथ हो रहा है. उन्होंने मीडिया से किसी भी असत्य का सहारा लिए बिना देश की ताकत को सामने करके देश को विकसित बनाने के कार्यक्रम को मजबूती देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विकसित भारत और अर्थव्यवस्था से संबंधित विचार अगले 25 वर्षों तक चर्चा के केंद्र में रहने वाले हैं और जिस तरह से देश प्रगति कर रहा है, लोग उसे स्वीकार कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि यह युग भारत को एक भव्य देश बनाने की ओर ले जा रहा है.

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कोविड-19 का पूरी तरह से गायब होना इस बार लोगों की खुशी में दिख

देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों, खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के ‘छठ’ मनाने के बीच उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि यह पर्व अब देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के उदय ने दुर्गा पूजा और नवरात्रि जैसे त्योहारों को वैश्विक होते देखा है. भाजपा द्वारा पिछले कई वर्षों के अंतराल के बाद पहली बार ‘दिवाली मिलन’ की मेजबानी किए जाने के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का पूरी तरह से गायब होना इस बार लोगों की खुशी में दिख रहा है. पत्रकारों, विशेष रूप से युवा पत्रकारों के न केवल वायरस संक्रमण बल्कि अन्य बीमारियों की चपेट में आने के मामलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके नियमित स्वास्थ्य जांच कराने पर जोर दिया और कहा कि वे भी राजनेताओं की तरह तनावपूर्ण और व्यस्त जीवन जीते हैं.

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