12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

VIDEO: छठ महापर्व की धूम, जानें महत्व और क्या है इसका इतिहास

व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. सुबह शाम पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. खास बात यह है कि इस महापर्व में मूर्ति पूजा नहीं होती. छठ सूर्य की उपासना का अनुपम पर्व है. आइये जानते हैं छठ का महत्व और इतिहास.

Chhath Puja 2023: आस्था का पर्व छठ हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस बार छठ का व्रत 18 नवंबर (शनिवार) से शुरू हो गया. छठ महापर्व की शुरुआत चतुर्थी तिथि नहाय-खाय से हो जाती है. सप्तमी तिथि को उगते सूरज को जल देने के बाद पारण किया जाता है. संतान की लंबी आयु, अच्छी फसल व सुख-समृद्धि की कामना के लिए यह व्रत किया जाता है. व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. सुबह शाम पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. खास बात यह है कि इस महापर्व में मूर्ति पूजा नहीं होती. छठ सूर्य की उपासना का अनुपम पर्व है. आइये जानते हैं छठ का महत्व और इतिहास क्या है.

Also Read: Chhath Puja 2023 Arghya Timing LIVE: छठ पर्व में आपके शहर में कब दिया जाएगा अर्घ्य, जानें सूर्यास्त का सही समय

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें