राजकुमार लाल, रांची:
झारखंड की राजधानी रांची से 37 किलोमीटर दूर रांची-टाटा रोड में बुंडू के समीप पहाड़ पर भगवान सूर्यदेव का बहुत ही आकर्षक मंदिर है. यहां छठ के मौके पर मेला भी लगता है. यह मंदिर दूर से ही भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस मंदिर का निर्माण 18 पहियों और सात घोड़ों से बने रथनुमा मंदिर के स्वरूप में किया गया है, जिसमें भगवान सूर्यदेव रथ पर खुद सारथी के रूप में विद्यमान हैं. यहां छठ महापर्व पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ना सिर्फ रांची, बल्कि आस-पास के गांवों और जमशेदपुर से भी कई भक्त यहां छठ पूजा करने के लिए आते है.
यहां एक बड़ा-सा तालाब भी है, जहां भक्त स्नान-ध्यान कर भगवान भास्कर को अर्घ देते हैं. यहां भक्तों को आराम करने के लिए विश्रामालय भी बनाया गया है. छठ के दौरान दूर से आने वाले भक्त इसी विश्रामालय में रुकते हैं. सिर्फ छठ के मौके पर ही नहीं, यहां हर दिन भक्त आते हैं. छठ महापर्व के अलावा 25 जनवरी को टुसू पर्व पर भी यहां मेला लगता है. मंदिर की आधारशिला स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के द्वारा 24 अक्टूबर 1991 को रखी गयी थी. मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा स्वामी वामदेव जी महाराज के द्वारा 10 जुलाई 1994 को करायी गयी थी. इस मंदिर का देखरेख संस्कृति विहार की ओर से किया जाता है.
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