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बिहार में 1 ही जिले के 1695 शिक्षकों का वेतन रूका, के के पाठक के निर्देश पर अब सस्पेंड होने का भी खतरा..

बिहार में एक ही जिले के करीब 1700 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है. संदिग्ध शिक्षक-शिक्षिकाओं पर निगरानी के बाद अब केके पाठक ने शिकंजा कसा है. सर्टिफिकेट और बहाली वाले रोस्टर का फोल्डर जमा कराने में वर्षों से कन्नी काट रहे शिक्षक शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की गयी है.

बिहार में हजाराें शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. हाइकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग द्वारा सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं का सार्टिफिकेट्स के साथ बहाली के रोस्टर आदि का फोल्डर वर्षों से नदारद है. वहीं अन्यान्य कारणों से सैकड़ों अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी ई. शिक्षा कोष पर अपने सभी प्रमाण पत्रों के साथ अपनी बहाली का डिटेल वांछित फोल्डर में अपलोड नहीं किया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ई शिक्षा कोष पोर्टल के एपडेटिंग का दैनिक अनुश्रवण अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा किया जा रहा है. बेतिया में पोर्टल पर अपना डिटेल अपलोड नहीं करने वाले 1695 शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन भुगतान रोक दिया गया है.

बेतिया के 1695 शिक्षकों का वेतन रूका

बेतिया के डीईओ ने कहा कि ई शिक्षा कोष पोर्टल पर संपूर्ण जानकारी अपलोड करने की विस्तारित समय सीमा के भी बीत जाने के बावजूद जिलाभर के कुल 13,579 शिक्षक शिक्षिकाओं में से 11,884 ने ही अपना डिटेल अपलोड किया है. इसके आधार पर बाकी 1695 शिक्षक शिक्षिकाओं का वेतन भुगतान रोक दिया गया है. उन्हें दो दिनों के अंदर अपना डिटेल अपलोड करने की आखिरी चेतावनी दी गई है. डीइओ ने कहा कि छठ की छुट्टी के बाद अपना डिटेल अपलोड नहीं करने वालों को निलंबित करने की कार्रवाई अचूक रूप से की जायेगी.

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प्रधानाध्यापक पर क्यों गिरेगी गाज, जानिए..

जिला शिक्षा कार्यालय के सभागार में प्रखंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी के लेखापाल और बीआरपी की संयुक्त समीक्षा बैठक शनिवार को आयोजित की गई. बैठक को मुख्य रूप से समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि विद्यालय के पठन पाठन की समस्याओं के तात्कालिक निदान के साथ जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मिलने वाला कंपोजिट ग्रांट अर्थात समग्र राशि का उपयोग नहीं होना संबंधित की नाकामी का पुख्ता प्रमाण है. छठ की छुट्टी के बीच ही विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर के इस मद में आवंटित राशि का नियमानुकूल खर्च और उपयोगिता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय. अन्यथा राशि उपलब्ध रहते खर्च नहीं करने वाले प्रधानाध्यापक और अन्य की जिम्मेदारी तय कर के करवाई की जायेगी.

नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान की भी समीक्षा की गयी..

परियोजना पदाधिकारी अलका सहाय द्वारा संचालित बैठक में विविध योजनाओं के साथ नव पदस्थापित शिक्षक शिक्षिकाओं के योगदान की भी समीक्षा की गई. बैठक को पीएम पोषण योजना के डीपीओ कुणाल गौरव और परियोजना पदाधिकारी कुमार अनुभव आदि ने भी संबोधित किया.

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