Chhath Puja Suryast-Suryoday Time|छठ महापर्व दुनिया के एकमात्र पर्व है, जो प्रकृति को समर्पित है. इस पूजा में न पुजारी की जरूरत होती है, न ही कोई विशेष पूजा विधि इसके लिए बनी है. छठव्रती खुद पूजा करतीं हैं. नदी, तालाबों में स्नन करके जल लाती हैं और उससे भात, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनता है. सबसे पहले छठव्रती प्रसाद ग्रहण करतीं हैं. इसके बाद लोगों में इसे वितरित कर दिया जाता है. छठ महापर्व की इससे ही शुरुआत होती है. इसे नहाय-खाय कहते हैं. नहाय-खाय के साथ चार दिन के छठ महापर्व का आरंभ होता है. इसके अगले दिन खरना, फिर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और उसके अगले दिन सुबह में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है. छठ घाट पर ही छठव्रती हवन करते हैं और उसके बाद प्रसाद का वितरण करते हैं. घाट से लौटने के बाद घर में पूजन के बाद वह अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ते हैं. इसलिए छठ महापर्व के दौरान सूर्यास्त और सूर्योदय के समय का बड़ा महत्व होता है.
19 और 20 को मनाया जाएगा छठ महापर्व
चूंकि यह पर्व सूर्योदय और सूर्यास्त से जुड़ा है, ऐसे में मौसम की अहम भूमिका हो जाती है. अगर आसमान में बादल छा जाए, तो सूर्यदेव उसकी ओट में छिप जाते हैं और लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि कब सूर्यास्त हो गया. ऐसे ही सुबह में सूर्योदय का पता नहीं चल पाता. इसलिए मौसम विभाग ने बाकायदा छठ महापर्व स्पेशल बुलेटिन जारी करके बताया है कि झारखंड के किस जिले में कब सूर्योदय होगा और कब सूर्यास्त. भारत मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने बताया है कि 19 नवंबर (रविवार) को सुबह में कोहरा या धुंध छाया रहेगा. बाद में आसमान साफ हो जाएगा. मौसम के शुष्क रहने का अनुमान जताया गया है. यानी बारिश नहीं होगी. आसमान में बादल भी नहीं दिखेंगे. हालांकि, 20 दिसंबर (सोमवार) को आसमान में आंशिक बादल छाए रहने का अनुमान मौसम केंद्र ने जताया है. सुबह में भी कोहरा या धुंध रह सकता है. दिन में मौसम शुष्क रहेगा. आइए, अब हम आपको बताते हैं कि झारखंड के किस जिले में 19 नवंबर को किस समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 20 दिसंबर को सुबह में किस समय उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा.
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बोकारो में 4:59 बजे
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चतरा में 5:03 बजे
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देवघर में 4:55 बजे
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धनबाद में 4:58 बजे
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दुमका में 4:54 बजे
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पूर्वी सिंहभूम में 5:00 बजे
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गढ़वा में 5:08 बजे
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गिरिडीह में 4:58 बजे
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गोड्डा में 4:53 बजे
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गुमला में 5:07 बजे
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हजारीबाग में 5:02 बजे
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जामताड़ा में 4:56 बजे
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खूंटी में 5:04 बजे
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कोडरमा में : 5:00 बजे
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लातेहार में 5:06 बजे
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लोहरदगा में : 5:05 बजे
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पाकुड़ में 4:51 बजे
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पलामू में 5:06 बजे
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रामगढ़ में 5:02 बजे
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रांची में 5:03 बजे
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साहिबगंज में 4:51 बजे
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सरायकेला-खरसावां में 5:01 बजे
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सिमडेगा में 5:04 बजे
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पश्चिमी सिंहभूम में 5:04 बजे
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बोकारो में 6:03 बजे
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चतरा में 6:09 बजे
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देवघर में 6:02 बजे
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धनबाद में 6:02 बजे
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दुमका में 5:59 बजे
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पूर्वी सिंहभूम में 5:59 बजे
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गढ़वा में 6:13 बजे
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गिरिडीह में 6:03 बजे
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गोड्डा में 6:01 बजे
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गुमला में 6:08 बजे
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हजारीबाग में 6:06 बजे
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जामताड़ा में 6:01 बजे
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खूंटी में 6:05 बजे
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कोडरमा में 6:06 बजे
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लातेहार में 6:09 बजे
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लोहरदगा में 6:08 बजे
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पाकुड़ में 5:59 बजे
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पलामू में 6:11 बजे
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रामगढ़ में 6:05 बजे
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रांची में 6:06 बजे
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साहिबगंज में 5:59 बजे
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सरायकेला-खरसावां में 6:02 बजे
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सिमडेगा में 6:08 बजे
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पश्चिमी सिंहभूम में 6:03 बजे