कानपुर में सात साल के बाद आखिरकार आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर के बगल से ट्रांसगंगा सिटी तक पुल बनने पर मुहर लग गई. सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. वहीं, सरसैया घाट व ग्रीनपार्क से ट्रांसगंगा पुल का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. वीआईपी रोड पर टैफ्को फैक्टरी की खाली पड़ी जमीन पर पुल उठाने का प्रस्ताव दिया गया है. सात साल से ट्रांसगंगा सिटी को शहर से जोड़ने के लिए इस पुल बनाने की कवायद चल रही है. पुल की लंबाई 4346.88 मीटर एप्रोच मार्ग समेत निर्मित किया जाना है. पहले इसे सरसैया घाट और फिर ग्रीनपार्क के आगे उतारने की तैयारी थी. डीएम ने सीडीओ, अपर पुलिस आयुक्त यातायात, मुख्य अभियंता यूपीसीडा, सेतु निगम महाप्रबंधक, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी और परियोजना निदेशक एनएचएआई की एक कमेटी बनाई थी. कमेटी को ट्रैफिक लोड एनालिसिस और कैरिज वे आधार पर सेतु की व्यवहारिता का अध्ययन कर प्रस्तावित पुल के एलाइन्मेंट के संबंध में विकल्प चिन्हित करने थे. कमेटी ने आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर के बगल में स्थित टैफ्को फैक्टरी की खाली पड़ी जमीन पर पुल को उतारने का विकल्प सही बताया.
पुल को टैफ्को फैक्टरी पर गिराने के बाद वीआईपी रोड से जोड़ने के लिए दो स्लिप रोड बनेगी. जिससे पुल टैफ्को की जमीन पर गिरने के बाद वीआईपी रोड के दोनों तरफ आवागमन आसान हो सके. इससे फूलबाग और कंपनी बाग चौराहे की तरफ जाने के लिए दो रोड बनाई जाएगी. वीआईपी रोड से जोड़ने को दो स्लिप रोड बनेगी. पुल को टैफ्को फैक्टरी पर गिराने के बाद वीआईपी रोड से जोड़ने के लिए दो स्लिप रोड बनेगी. जिससे पुल टैफ्को की जमीन पर गिरने के बाद वीआईपी रोड के दोनों तरफ आवागमन आसान हो सके. इससे फूलबाग और कंपनी बाग चौराहे की तरफ जाने के लिए दो रोड बनाई जाएगी.
सुझाव गए विकल्प में अन्य दो विकल्पों की अपेक्षा 400 करोड़ रुपये की बचत होगी. टैफ्को की जमीन से पुल उठाने पर जमीन अधिग्रहण का झंझट नहीं होगा. सीडीओ सुधीर कुमार का कहना है कि ट्रांसगंगा सिटी से शहर को जोड़ने को बनने वाले पुल को शहर में लाने के लिए आनंदेश्वर कॉरिडोर के बगल में स्थित टैफ्को फैक्टरी की खाली जमीन सबसे उपयुक्त है. सरसैया घाट व ग्रीनपार्क के पास का विकल्प खारिज कर दिया गया है.
-
2016 में सरसैया घाट से ट्रांसगंगा सिटी तक बनना था पुल
-
2021 के जून माह से सेतु निगम ने शुरू किया था सर्वे
-
59 लाख खर्च कर बनाई थी 442 करोड़ की डीपीआर
-
2022 में नाबार्ड से बजट मुहैया कराने का दिया सुझाव
-
10.5 मीटर की चौड़ाई दोनों तरफ अलग-अलग होनी थी
-
1.97 किलोमीटर लंबाई का बनाया जाना था यह पुल
-
04 अंडर पास भी प्रोजेक्ट में सेतु निगम ने किए थे शामिल
-
36 माह निर्माण में लगेंगे जबसे इसका काम शुरू होगा