Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) मामले में अब बड़े एक्शन की तैयारी है. इस घोटाले में प्रदेश के 25 जनपदों में दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा. इसक लिए सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी संबंधित जनपदों के अफसरों को पत्र भेजा है. प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त और कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर लागू एनपीएस के तहत कटौती की धनराशि में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. इसमें विभागीय नियमों के विपरीत अन्य बीमा कंपनियों में निवेश कराने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई की है. उन्होंने सभी दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही विभाग की ओर से भी इस मामले में कदम उठाया जाएगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के इस पत्र के बाद संबंधित जनपदों में आरोपियों के बीच हड़कंप की स्थिति है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस विवेचना में उनकी मुश्किलें बढ़ना तया है. उनके खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा.
यूपी में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, जिला विद्यालय निरीक्षक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा को भेजे पत्र में बताया है कि कई जनपदों से से पता चला है कि एनपीएस के तहत कटौती की गई धनराशि विभागीय नियमों के विपरीत एवं संबंधित कार्मिकों की सहमति के बिना ही आहरण वितरण अधिकारी के कार्यालय की मिलीभगत से किसी अन्य बीमा बैंकों में जमा कर दी जा रही है.
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अहम बात है कि एनपीएस से संबंधित कर्मचारियों के नियमित कटौती की धनराशि को हर महीने उनके खाते में जमा भी नहीं किया जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में एक अप्रैल 2022 से आठ नवंबर 2023 की अवधि के दौरान पीएफएम परिवर्तन के संबंध में 25 जनपदों में ऐसे मामले सामने आए हैं. इसमें सबसे ज्यादा प्रकरण कुशीनगर जनपद में हैं.
शिक्षा निदेशक ने तत्काल संबंधित अधिकारी, पटल सहायक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते के साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की रिपोर्ट अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) प्रयागराज को उपलब्ध कराने के लिए कहा है. 25 जनपदों के मंडलीय, जनपदीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाए. इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही और देरी बर्दाश्त नहीं होगी.