गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के शाहिद अशफ़ाकउल्ला खां प्राणी उद्यान में रहने वाले पशु पक्षियों को ठंड से बचाव के लिए चिड़ियाघर प्रशासन व्यवस्था कर रहा है.जिससे पशु पक्षियों को ठंड में भी गर्मी का एहसास होगा. चिड़ियाघर में सभी बाड़े का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के करीब रखा जाएगा.इसके लिए सांप घर में वीआरवी एसी (वेरिएबल रेफ्रिजरेटर वॉल्यूम) लगाया जाएगा. इससे जैसे ही सांप का घर का तापमान 25 डिग्री से कम होगा वैसे ही यह चालू हो जाएगा और नियंत्रित करते ही बंद हो जाएगा. वर्तमान में चिड़ियाघर में छोटे-बड़े कुल 275 से अधिक पशु पक्षी हैं. गोरखपुर में भी ठंड धीरे-धीरे अपना असर दिखा रही है.जिसको देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने पशु पक्षियों को ठंड से बचाने का उपाय शुरू कर दिया है. गर्मी और वर्षा का मौसम समाप्त होने के बाद जैसे इनकी भोजन में बदलाव किया गया वैसे ही इनकी रहने वाले जगह पर ठंड से बचाव के लिए 35 हीटर 20 ब्लोअर और एक की व्यवस्था की गई है. ठंड के समय में पानी का तापमान बढ़ जाता है.इसलिए कछुआ,मगरमच्छ,दरियाई घोड़ा समेत अन्य जलीय जंतुओं का पानी प्रत्येक दिन बदल जाएगा.वहीं हिरण के बाड़ा परिसर में अलाव के लिए पुवाल की व्यवस्था की जाएगी.
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बाघ, तेंदुआ, लकड़बग्घा, समेत अन्य पशुओं की नाइट सेल में ब्लोअर लगेगा. सियार लोमड़ी बंदर और भालू की नाइट सेल में हीटर लगाए जाएंगे. चिड़ियाघर प्रशासन तापमान बराबर रखने के लिए समय-समय पर ब्लोअर व हीटर चालू करेगा और बंद करेगा. इसके साथ हिरण की सभी प्रजातियां के बाड़े के साथ बाहर ही विचरण करेंगे. ऐसे में उनके लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने पुआल की व्यवस्था की है. चिड़ियाघर की चिकित्सा अधिकारी योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में रहने वाले पशु पक्षियों की भोजन में 25 अक्टूबर से बदलाव कर दिया गया है. अब इन्हें ठंड से बचने के लिए ब्लोअर और हीटर की व्यवस्था की गई है. नवंबर के अंतिम सप्ताह से इसे चालू कर दिया जाएगा. इसके अलावा सांप घर चारों तरफ से बंद होने की चलते वहां वीआरवी एसी लगाए जाएंगे.पक्षियों के बड़े के बाहर चटाई का परदा लगाया जाएगा जिससे कि उन्हें ठंड ना लगे.
गोरखपुर के अशफ़ाकउल्ला खान प्राणी उद्यान में रहने वाले पशु पक्षियों का ठंड में उनके भोजन में बदलाव कर दिया गया है. चिड़ियाघर में किसी पशु पक्षियों का भोजन बढ़ाया गया है तो किसी का घटा दिया गया है= जैसे बाघ का 12 किलो से 14 किलो भोजन कर दिया गया है. वही तेंदुए और लकड़बग्घे का 4 किलो से बढ़कर 5 से 6 किलो कर दिया गया है.सियार का एक से बढ़ाकर डेढ़ किलो और लोमड़ी का आधा से बढ़कर 1 किलो भोजन कर दिया गया है.वही शाकाहारी भोजन करने वाले गैंडे को अन्य दिनों में मिलने वाले भोजन के साथ गाना शकरकंद और बर्शीन दिया जाएगा. हिरण और बंदर की सभी प्रजातियां समेत अन्य पशुओं को भोजन के अलावा अच्छा दिया जा रहा है भालू को सब्जी और फल के साथ हर दिन 50 से 100 ग्राम शहद मिल रहा है. इसके अलावा पक्षियों को दान ज्यादा और पानी की मात्रा कम कर दी गई है.वही सांप को 25 दिन में एक बार चूहा या खरगोश दिया जा रहा है.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप