Akshay Navami 2023: अक्षय नवमी का व्रत बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है अक्षयनवमी के दिन आवले के पूजन या आवले के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का त्योहार मनाया जाता है इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा किया जाता है. इस दिन जो भी कार्य करते है सब अक्षय होता है यानि पूर्ण होता है इस दिन से सत्ययुग की शुरुआत हुई थी कथा के अनुसार इस दिन से लेकर पूर्णिमा तक भगवन विष्णु आवले के के पेड़ के निचे निवास करते है.
यही कारण है इस दिन आवले के पेड़ की पूजा किया जाता है .कहा जाता है कि यह पूजा व्यक्ति के समस्त पापों को दूर कर पुण्य फलदायी होती है. जिसके चलते कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को महिलाएं आँवले के पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपनी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करती हैं. अक्षय नवमी को जप, दान, तर्पण, स्नानादि का अक्षय फल होता है . आंवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में भी जाना
अक्षय नवमी आज
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21 नवम्बर 23 दिन मंगलवार नवमी तिथि का आरम्भ प्रातः काल 03 बजकर 16 मिनट से आरम्भ आरम्भ हो चुका है.
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नवमी तिथि का समाप्ति 22 नवम्बर 23 दिन बुधवार रात्रि 01:09 मिनट तक रहेगा, पूजन करने का शुभ समय 21 नवम्बर 23 मंगलवार सुबह 06:11 से लेकर 11:35 मिनट तक यानि कुल 05 घंटा 24 मिनट शुभ रहेगा .
अक्षय नवमी का क्या है महत्व
अक्षय नवमी का बहुत बड़ा महत्व है अक्षय का मतलब यह होता है कभी क्षय नहीं होना. इस दिन इश्वर भक्ति तथा आराधना करना गुप्त दान करना बहुत ही फलदायी होता है. इन्हें कुष्मांडा नवमी तथा जगधात्री भी कहा जाता है . इस दिन भगवान विष्णु कुष्मांडा नमक राक्षस को परास्त किया था .अधरम को फैलने से रोका था इस दिन आवले के पेड़ के निचे कुष्मांडा दान करे ,गुप्त दान करें ,आवले के पेड़ के निचे अगर खाना बनाकर खाए ,ब्राह्मण को भोजन कराये साथ में उनको वस्त्र का दान करे अश्व मेघ यज्ञं के बराबर होता है .
अक्षय नवमी पर करें यह उपाय, होगा लाभ
अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो अक्षय नवमी के दिन से आरंभ कर 41 दिन लगातार लाल मसूर की दाल की कच्ची रोटी बनाकर मछलियों को खिलाएं इससे मंगल ग्रह मजबूत होता है कर्ज अथवा भूमि जायदाद संबंधित समस्या में कमी आती है साथ ही माता महालक्ष्मी की कृपा भी बरसती है.
मंगल ग्रह शांति के लिए ब्राह्मणों एवं गरीबों को गुड़ मिश्रित दूध या चावल खिलाएं.
नवमी तिथि की स्वामी देवी दुर्गा हैं ऐसे में जातक को दुर्गा की उपासना अवश्य करनी चाहिए. जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नही हो पा रहा है तो जातक को चाहिए की दुर्गा सप्तशती के पाठ को करे और मां दुर्गा से अपने जीवन में आने वाले संकटों को हरने की प्रार्थना करे.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847