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AI अब हर किसी की पहुंच में, माता-पिता बच्चो को सिखाएं ये चीजें

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने आप में कोई नई बात नहीं है - चैटबॉट और जेनरेटिव एआई 1960 के दशक से मौजूद हैं. लेकिन पिछले वर्ष में एआई डेटाबेस के आकार में तेजी से विस्तार हुआ है, इन प्रौद्योगिकियों में भारी वित्तीय निवेश, अधिक नवीन कोड और बढ़ी हुई पहुंच और प्रयोज्यता हुई है.

लगभग एक साल हो गया है जब से चैटजीपीटी अस्तित्व में आया है, इसे लेकर उत्साह काफी बढ़ा है. साथ ही इस बात की चिंता भी कि शिक्षा के लिए इसका क्या अर्थ हो सकता है. बदलाव आते रहते हैं. साल की शुरुआत में, माइएआई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्नैपचैट में एम्बेड किया गया था. यह चैटजीपीटी द्वारा संचालित एक चैटबॉट है, जो किशोरों को कुछ भी पूछने के लिए प्रोत्साहित करता है – दोस्तों को देने वाले उपहारों के सुझाव से लेकर होमवर्क के बारे में प्रश्न तक. इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट अपने सिस्टम पर ‘‘कोपायलट’’ पेश कर रहा है, जिसे ‘‘दैनिक एआई साथी’’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यह बिंग सर्च टूल के साथ एआई-संवर्धित सहायक ‘‘बिंग चैट’’ की शुरूआत के बाद हुआ है. अचानक, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – जो पाठ और छवियों जैसी नई सामग्री बना सकती है – युवा लोगों सहित सभी के लिए सुलभ हो गई है. हम डिजिटल प्रौद्योगिकी पृष्ठभूमि वाले शोधकर्ता हैं और एआई की क्षमता को लेकर अत्यधिक उत्साहित हैं. हालांकि, इसमें जोखिम के साथ-साथ लाभ भी हैं. यहां तीन चीजें हैं जिन्हें माता-पिता अपने बच्चों के साथ एआई तकनीक पर नेविगेट करते समय ध्यान में रख सकते हैं.

एआई पहले से है और रहेगा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने आप में कोई नई बात नहीं है – चैटबॉट और जेनरेटिव एआई 1960 के दशक से मौजूद हैं. लेकिन पिछले वर्ष में एआई डेटाबेस के आकार में तेजी से विस्तार हुआ है, इन प्रौद्योगिकियों में भारी वित्तीय निवेश, अधिक नवीन कोड और बढ़ी हुई पहुंच और प्रयोज्यता हुई है. माता-पिता स्वाभाविक रूप से एआई के बारे में झिझक रहे होंगे. कई स्कूलों ने कुछ एआई उपयोगों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया है, क्योंकि इस तरह के दावे किए जा रहे थे कि इससे धोखाधड़ी को बढ़ावा मिलेगा और शैक्षणिक नींव कमजोर होगी. लेकिन, एआई ख़त्म होने वाला नहीं है, और यह हमारे जीवन में और अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला है. जितनी जल्दी युवा इस तकनीक का उपयोग करना सीखेंगे, उन्हें इसका बुद्धिमानीपूर्वक और उत्पादक ढंग से उपयोग करने के बारे में उतनी ही अधिक जानकारी होगी. यदि आप माता-पिता हैं, तो इन प्रौद्योगिकियों के बारे में सीखना और उन्हें स्वयं आज़माना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने बच्चे को एआई के साथ दुनिया नेविगेट करने में मदद कर सकें. एक निःशुल्क जेनरेटिव एआई टूल में लॉग इन करके शुरुआत करें, और बॉट से कुछ प्रश्न पूछकर और उत्तरों पर विचार करके एक साथ प्रयोग करें.

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आलोचनात्मक बनें

जेनरेटिव एआई आश्चर्यजनक चीजें कर सकता है – जैसे छवियां उत्पन्न करना या कहानियां लिखना – लेकिन यह जो लिख रहा है उसको समझा नहीं सकता है. यह टेक्स्ट को एक साथ इस तरह से जोड़ता है जिससे उसका कोई मतलब निकले लेकिन उसमें छिपा अर्थ समझा नहीं सकता है. जेनरेटिव एआई स्रोतों की विश्वसनीयता का मूल्यांकन नहीं कर सकता है, न ही यह दावों का समर्थन करने के लिए हमेशा आधिकारिक जानकारी पा सकता है. जेनरेटिव एआई सॉफ्टवेयर को एक विशिष्ट समय के डेटा पर भी प्रशिक्षित किया जाता है, इसलिए हाल की घटनाओं को शामिल नहीं किया जा सकता है. इसलिए बच्चों को यह सीखने की ज़रूरत है कि यद्यपि यह अन्य लेखन के समान दिखता है, जैसे कि किसी पुस्तक या लेख में, पाठ को कंप्यूटर कोड द्वारा एक साथ जोड़ा गया है. इसका मतलब है कि हर शब्द, वाक्य और दावे को संदेह की दृष्टि से देखा जाना चाहिए. आप इसे अपने बच्चों को आलोचनात्मक सोच कौशल विकसित करने में मदद करने के अवसर के रूप में उपयोग कर सकते हैं. अपने स्कूली उम्र के बच्चे के साथ एक निःशुल्क एआई कला जनरेटर पर जाएँ और कुछ खोजें. फिर अपने बच्चे से ऐसे प्रश्न पूछें, ‘‘किस प्रकार के लोगों को दिखाया जाता है?’’ किस प्रकार की कमी है? क्या आपको कोई रूढ़िवादिता दिखती है? क्या आप कोई पक्षपात देख सकते हैं?”

चैटबॉट्स से सावधान रहें

चैटबॉट कंप्यूटर प्रोग्राम हैं जिन्हें संवाद का अनुकरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जैसे कि वे कोई अन्य इंसान हों. उदाहरण के लिए, 2022 तक एक करोड़ से अधिक रेप्लिका उपयोगकर्ता थे. रेप्लिका एक चैटबॉट है जिसे एक ऐसे साथी के रूप में पेश किया जाता है जो परवाह करता है. यह एक दोस्त की तरह काम करता है. इस जैसे कई चैटबॉट अनुप्रयोगों में, अनुचित सामग्री पर कोई मॉडरेशन या मानवीय जाँच नहीं हो सकती है. इसलिए अगर आपका बच्चा एआई ‘‘दोस्तों’’ के साथ लंबा समय बिता रहा है तो सावधान हो जाएं. यदि ध्यान न दिया जाए, तो इस प्रकार के एप्लिकेशन बच्चे की जिज्ञासा को बढ़ावा दे सकते हैं और संभावित रूप से उन्हें किसी बॉट के साथ अत्यधिक व्यक्तिगत बातचीत जैसी अनैतिक और हानिकारक स्थितियों में ले जा सकते हैं. अपने बच्चों को यह स्पष्ट करें कि जेनरेटिव एआई मशीन है, इंसान नहीं। यह आपके आदर्शों, विश्वासों, संस्कृति या धर्म को साझा नहीं करता है. यह मॉडल और एल्गोरिदम के आधार पर पाठ और भाषा प्रस्तुत करता है. यह बहस करने, सबक लेने या अपने मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए उपयोग करने की चीज़ नहीं है. विषयों पर कुछ दृष्टिकोण या रुख को बाधित करने के लिए कोड को मैन्युअल रूप से भी संपादित किया जा सकता है.

फोटोज, वीडियो और ऑडियो भी मायने रखते हैं

पाठ पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के साथ, अपने बच्चों को यह याद दिलाना सुनिश्चित करें कि तस्वीरें और वीडियो भी जेनेरिक एआई परिदृश्य का हिस्सा हैं. बच्चे इस बात को लेकर सावधान हो सकते हैं कि वे ऑनलाइन कौन सा पाठ दर्ज करते हैं लेकिन चित्र अपलोड करने में लापरवाह होते हैं. अपलोड होने पर उनकी तस्वीरें और चेहरे की छवि एआई के लिए उपलब्ध हो जाती है, जिससे उनकी पहचान की रक्षा करना कठिन हो जाता है. उदाहरण के लिए, चैटजीपीटी में अब छवि क्षमताएं हैं जिन्हें आप चैटबॉट के साथ अपनी बातचीत में शामिल कर सकते हैं. अपने बच्चे के साथ गोपनीयता पर चर्चा करें, और यह उल्लेख करना सुनिश्चित करें कि इंटरनेट पर अपलोड किया गया कोई भी डेटा एआई द्वारा संग्रहीत, स्कैन और संसाधित किया जा सकता है. एआई एक शक्तिशाली शिक्षण और जुड़ाव उपकरण हो सकता है, और इस क्षेत्र में विकास बेहद रोमांचक हैं. खुली बातचीत और कुछ निरीक्षण के साथ, बच्चों को इस तकनीक से बहुत लाभ मिलने की संभावनाएँ अनंत हैं.

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