20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राशन वितरण घोटाला : इडी के जांच के दायरे में राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स भी, तैयार की जा रही है सूची

इडी की ओर से पहले ही दावा किया जा चुका है कि एजेंटों के जरिये बड़े पैमाने पर किसानों को ठगा गया है, जिनमें कुछ सहकारिता समितियों की भी भूमिका रही है. उनके जरिये फर्जी किसानों के नाम से बैंक खाते खोले गये थे.

कोलकाता, अमित शर्मा : पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) वन मंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ( Food Minister Jyotipriya Mallik ) और उनका करीबी माने जाने वाले व्यवसायी बकीबुल रहमान उर्फ बकीबुर को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है. दोनों ही फिलहाल न्यायिक की हिरासत में हैं. जैसे-जैसे इडी की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे ही नये-नये खुलासे भी हो रहे हैं. मंत्री के करीबी राइस मिलों व आटा मिलों के मालिकों के अलावा अब इडी की जांच के दायरे में कुछ राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स और राशन दुकानों के मालिक भी हैं. सूत्रों के अनुसार, जांच में इडी को पता चला है कि राज्य में कुछ ऐसे राशन डिस्ट्रीब्यूटर का पता चल रहा है, जो खुद ही राशन डीलर या राशन दुकानों के मालिक भी हैं.

इसके अलावा फर्जी तरीके से राशन डीलरशिप लेने की बात भी सामने आ रही है. अंदेशा जताया जा रहा है कि घोटाला फर्जी राशन दुकानों की एक श्रृंखला के माध्यम से किया गया और ऐसे दुकानों की संख्या 300 से ज्यादा हो सकती है, जिनके राशन लाइसेंस केवल कागजों पर थे और उनकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं थी. बताया जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी अब ऐसे राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स की पहचान के लिए एक सूची तैयार करने में जुट गया है. इस मामले में कुछ राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स से पूछताछ भी की जा चुकी है. इडी की ओर से पहले ही दावा किया जा चुका है कि एजेंटों के जरिये बड़े पैमाने पर किसानों को ठगा गया है, जिनमें कुछ सहकारिता समितियों की भी भूमिका रही है. उनके जरिये फर्जी किसानों के नाम से बैंक खाते खोले गये थे.

पूरे गोरखधंधे में किसानों की बजाय राइस मिलों के मालिकों ने प्रति क्विंटल धान पर 200 रुपये अपनी जेबों में भरी. दूसरी ओर, राइस मिलों के मालिकों के अलावा घोटाले में शामिल एजेंटों और सहकारिता समितियों से जुड़े पदाधिकारियों भी बड़े पैमाने पर कालाधन बटोरा. एजेंटों की मदद से घोटाले में शामिल राइस मिलों के मालिकों ने फर्जी किसानों के नाम से बैंक खातों को खुलवाया था. पहले, असल के किसानों से सरकारी नियमों की अवहेलना कर यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनदेखी कर कम मूल्य देकर धान खरीदे गये. इसके बाद सरकारी खाते में दिखाने के लिए फर्जी किसानों के नाम से खोले गये बैंक खातों में रुपये जमा कराये गये,

Also Read: BGBS 2023: ममता बनर्जी ने कहा, 212 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगी बंगाल की अर्थव्यवस्था, नयी नीतियों की घोषणा की

जिसमें उन फर्जी किसानों से एमएसपी के आधार पर धान खरीदने की बात दर्शायी गयी. बाद में फर्जी किसानों के बैंक खातों में जमा करायी राशि शेल कंपनियों में स्थानांतरित भी कर दी गयी. पीडीएस राशन का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा खुले बाजार में अवैध तरीके से बेचे जाने की बात सामने आयी है. सात ही इडी का अनुमान है कि घोटाले की राशि एक हजार करोड़ रुपये की राशि को भी पार कर जायेगी.

Also Read: WB News: भाजपा की एजेंसी पाॅलिटिक्स से मुकाबले का संदेश देंगी ममता बनर्जी,लोकसभा सीट जीतने का बताएंगी फार्मूला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें