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शेयर मार्केट के ‘भगवान’ की भविष्यवाणी! 30% तक टूटेगा बाजार, 2008 से बुरे होंगे हालात, निवेशकों को दी ये सलाह

Stock Market Crash: 2008 में अमेरिकी बाजार में आयी मंदी के बाद कोरोना संक्रमण काल में बाजार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. मगर, अब बाजार एक और बड़े और भयानक खतरे की आहट सुनाई दे रही है.

Stock Market Crash: क्रिकेट के भगवान को आप जानते होंगे, सचिन तेंदुलकर. क्या आप शेयर मार्केट के भगवान को जानते हैं. मार्केट एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री गैरी शिलिंग को शेयर मार्केट के भगवान की संज्ञा दी गयी है. हालांकि, इस बार गैरी शिलिंग की बातों ने पूरी दुनिया को परेशान कर दिया है. शेयर बाजार में तेजी या मंदी का दौर आता जाता रहता है. 2008 में अमेरिकी बाजार में आयी मंदी के बाद कोरोना संक्रमण काल में बाजार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. मगर, अब बाजार एक और बड़े और भयानक खतरे की आहट सुनाई दे रही है. मार्केट का प्रोफेट गैरी शिलिंग ने इस मंदी को लेकर बाजार को आगाह किया है. बता दें कि गैरी शिलिंग को 2008 में अमेरिका में आयी मंदी की सटीक भविष्यवाणी के लिए जाना जाता है. द जूलिया ला रोश शो में उन्होंने कहा था कि फेडरल रिजर्व महंगाई को नियंत्रण में लाकर अगले साल से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर देगा. उन्होंने दुनिया को 2008 में आयी मंदी से ज्यादा बड़ी मंदी के प्रति आगाह किया है.

अमेरिका में आएगा 2008 से बड़ा संकट

बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, गैरी शिलिंग अमेरिकी अर्थव्यवस्था को आगाह करते हुए कहा कि वो फिर से धीरे-धीरे एक बड़ी आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रही है. कमर्शियल रियल एस्टेट में आयी तेजी को उन्होंने बुलबुला बताया है, जो किसी भी दिन फूट सकता है. इसके कारण, सेक्टर में बड़ी मंदी आयेगी. जो धीरे-धीरे अन्य सेक्टरों को प्रभावित करेगी. इस घटनाक्रम से शेयर बाजार में 30% की गिरावट हो सकती है. उन्होंने कहा कि मेरी राय है कि शेयरों में लगभग 30% से 40% की गिरावट आएगी. इस दौरान शेयर बाजार अपने निचले स्तर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने भविष्यवाणी में कहा कि अमेरिकी इंडेक्स एसएंडपी 500 लगभग 2,900 अंक या कोरोना महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर जा सकता है. गौरतलब है कि दुनिया भर के देशों में शेयर बाजार की हालत काफी खराब है.

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मिल रहा मंदी का इशारा

द जूलिया ला रोश शो में गैरी शिलिंग ने कहा कि हालांकि, अमेरिका मंदी में नहीं है. मगर, जल्द ही आने वाली है. उन्होंने कहा कि किसी भी खतरे से पहले घंटी नहीं बजती. अगर आप कई प्रमुख संकेतकों को देखते हैं जो विश्वसनीय रूप से मंदी की संभावनाओं को दर्शाते हैं हैं, तो इनको देखकर लगता है कि मंदी से बचना बहुत मुश्किल है. बता दें कि वर्तमान में अमेरिकी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है. इसका मौजूदा आकार 26.7 ट्रिलियव डॉलर है. दूसरे स्थान पर चीन की अर्थव्यवस्था है. इसका आकार 19.24 ट्रिलियर डॉलर की है. विश्व में तीसरे स्थान पर जापान और चौथे स्थान पर जर्मनी है. जापान की अर्थव्यवस्था 4.39 ट्रिलियन डॉलर की है. जबकि, जर्मनी की अर्थव्यवस्था 4.28 ट्रिलियन डॉलर की है. गौरतलब है कि 2008 में अमेरिका में मंदी आने पर पूरी दुनिया इसके चपेट में आ गयी थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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