रांची : गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने पहल शुरू की है. भारी उद्योग मंत्रालय ने एचइसी प्रबंधन से आवासीय परिसर में खाली जमीन की जानकारी मांगी है. साथ ही यह भी बताने को कहा है कि उस जमीन पर अवैध कब्जा है या नहीं. भारी उद्योग मंत्रालय जमीन को दीर्घकालीन लीज पर देकर लगभग एक हजार करोड़ रुपये जुटायेगा.
एचइसी के अधिकारी ने बताया कि पूर्व में एचइसी प्रबंधन से आरबीआइ, एनटीपीसी, एनआइए, ओएनजीसी, इंडियन ऑयल सहित 79 पीएसयू कंपनियों ने जमीन देने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन, मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने के बाद कंपनियों ने दूसरी जगह जमीन ले ली. वर्तमान में महज 18 से 20 कंपनियां ही एचइसी के संपर्क में हैं.
एचइसी के पास एक हजार एकड़ खाली जमीन
एचइसी की स्थापना के समय कंपनी के पास कुल 7199.51 एकड़ जमीन थी. इसमें राज्य सरकार को 2341 एकड़, सीआइएसएफ को 158 एकड़, स्मार्ट सिटी के लिए 675 एकड़, आरडीसीआइएस को 65 एकड़, निफ्ट को 57.47 एकड़, स्कूल और कॉलेज को 86.18 एकड़, जेएससीए को को 31.70 एकड़, पेट्रोल पंप को 1.8 एकड़ व दूरसंचार विभाग को 1.6 एकड़ जमीन दी गयी है. वर्तमान में एचइसी के पास एक हजार एकड़ जमीन खाली पड़ी है.