यूपी के संभल में एक सरकारी मिडिल स्कूल में बाउंड्री वॉल निर्माण को लेकर प्रधानाध्यापिका को निलंबित किए जाने के बाद नाराज छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया है. बच्चों ने अपने टीचर का सस्पेंशन रद्द करने की मांग की है. गांव की प्रधान ने बताया कि हर साल बारिश के मौसम में पास की झील का पानी स्कूल परिसर में इकट्ठा हो जाता है, जिसके चलते कई दिनों तक स्कूल बंद रखना पड़ता है. उन्होंने आगे बताया कि मैंने इस बात की जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी को दी तो उन्होंने चारदीवारी बनवाने के लिए कहा. एक महीने पहले मैंने बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य शुरू कराया. इस पर BEO सुल्तान अहमद ने कहा कि स्कूल के बगल में जो उनका ऑफिस है, उसे भी नई चारदीवारी के अंदर बनवा दूं. मैंने इनकार किया तो उन्होंने चारदीवारी का काम रुकवा दिया और गुस्से में टीचर को निलंबित कर दिया. जबकि संभल बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि प्रधानाध्यापिका दीप्ति यादव ने स्कूल में निरीक्षण से बचने के लिए चारदीवारी का निर्माण करवा रहीं थी.
दरअसल, असमोली ब्लॉक के सैदपुर निबौला गांव में कक्षा छह से आठ तक का मिडिल स्कूल है, जिसमें करीब 81 छात्र पढ़ते हैं. स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका (प्रभारी) दीप्ति यादव को जिला शिक्षा विभाग ने मंगलवार को निलंबित कर दिया. वहीं गांव की प्रधान राज बाला के पति नरेश कुमार ने बताया कि मुद्दा यह है कि हर साल बारिश के मौसम में, पास की झील का पानी स्कूल परिसर में इकट्ठा हो जाता है. इस साल एक सप्ताह तक पानी जमा होने के कारण कक्षाएं नहीं लग सकीं. इसकी जानकारी मैंने खंड शिक्षा अधिकारी को दी थी तो उन्होंने चारदीवारी बनवाने के लिए कहा था. एक माह पहले मैंने चहारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू कराया था. बीईओ सुल्तान अहमद ने कहा कि स्कूल के बगल में जो उनका कार्यालय है, उसे भी नयी चहारदीवारी के अंदर बनवा दूं. मैंने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने चहारदीवारी का निर्माण कार्य रुकवा दिया. उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया. निलंबन के बाद से स्कूल के छात्रों ने निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कक्षाओं में जाना बंद कर दिया है. बीईओ ने अपना गुस्सा शिक्षक पर निकाला क्योंकि मैंने उनका कार्यालय चारदीवारी के भीतर कराने से इनकार कर दिया था.
वहीं इस मामले में दीप्ति यादव ने कहा कि मुझ पर बाउंड्रीवाल बनवाने का आरोप लगाया गया था. यह गलत है. यह निर्माण कार्य प्रधान द्वारा गांव के विकास के लिए धन से किया गया था. मंगलवार को मुझे मेरा निलंबन पत्र सौंपा गया. मैं आठ साल से स्कूल में पढ़ा रही हूं और अचानक, मुझे झूठे आरोपों में निलंबित कर दिया गया है. स्कूल में अच्छा काम करने के बावजूद मुझे निलंबित कर दिया गया है, जो एक तरह से मानसिक उत्पीड़न है. वहीं नरेश कुमार ने कहा कि दीप्ति यादव ने इतनी मेहनत की कि पिछले आठ वर्षों में स्कूल में बदलाव देखा गया. बुधवार को दीप्ति यादव की जगह लेने वाले सहायक शिक्षक संजीव कुमार ने कहा कि गुरुवार को केवल 12 छात्र स्कूल आए क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी प्रधानाध्यापिका को गलत तरीके से निलंबित किया गया है.
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