गोपालगंज. दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की भोरे शाखा में तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने अपने सहयोगियों को मिलाकर 2.99 करोड़ की राशि का फ्रॉड कर लिया. मामले में भोरे थाने में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. भोरे के वर्तमान शाखा प्रबंधक आदित्य कुमार की तहरीर पर कांड दर्ज कराया गया है, जिसमें निलंबित शाखा प्रबंधक चौधरी संजय कुमार रामाकांत, पेंटा आइटी सहायक संजय यादव, सहायक संजीव कुमार को अभियुक्त बनाया गया है. भोरे में यह फ्रॉड 67 एकाउंट से अपने सगे-संबंधियों के 12 खातों में राशि ट्रांसफर कर लेने का पुख्ता प्रमाण जांच में मिला है. भोरे शाखा प्रबंधक आदित्य कुमार ने प्रबंध निदेशक सैयद मशरूक आलम के आदेश पर धोखाधड़ी, विश्वासघात करने ग्राहकों के पैसों (पब्लिक मनी) का गलत कागजात बनाकर जालसाजी करके व्यक्तिगत लाभ के लिए किये गये गबन के आलोक में उपरोक्त तीनों नामित कार्मिकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें थाना कांड संख्या- 582/23 डी 4-यू 15-420/406/409/467/4081 469/471184 आइपीसी के तहत कांड दर्ज करने के बाद भोरे पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. जबकि, घोटाले में लिप्त लोगों की मुश्किलें अब बढ़ने लगी हैं.
मुख्य बातें
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बैंक के बोर्ड ने करायी इंटरनल जांच, तो बड़े फ्रॉड का हुआ खुलासा
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तत्कालीन प्रबंधक ने 67 खातों से अपने सगे-संबंधियों के 12 खातों में किया रुपये ट्रांसफर
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भोरे थाने की पुलिस कांड दर्ज कर जांच में जुटी, फ्रॉड में लिप्त लोगों की बढ़ी बेचैनी
लक्ष्मी योजना के खातों की राशि में की गड़बड़ी
भोरे में तत्कालीन शाखा प्रबंधक विजयीपुर थाने के अहियापुर गांव के रामाकांत यादव के पुत्र चौधरी संजय कुमार रामाकांत ने पदस्थापना के दौरान 28 फरवरी, 2022 से 22 अगस्त, 2023 तक भोरे शाखा में पदस्थापित नालंदा जिले के कोलावां गांव के रामप्रीत पासवान के पुत्र संजीव कुमार सहायक व कटेया थाने के नेउरी के महेश यादव के पुत्र संजय यादव के सहयोग से बैंक के ग्राहकों के 67 लक्ष्मी खातों की राशि में फ्रॉड किया. ग्राहक जो अपनी राशि को फिक्स कर सर्टिफिकेट लेकर चले गये. उसके बाद उस फिक्स के एवज में अपने आइडी से लोन स्वीकृत कर राशि को विजयीपुर के रामबली प्रसाद, सितवंती देवी, वीरेंद्र सिंह, राजापुर कटेया के निर्भय प्रसाद यादव, नारायण प्रसाद यादव की पत्नी रंभा देवी, विजयीपुर के अहियापुर के संजय कुमार की पत्नी नीतू देवी, सरूपाई की नीलम दुबे पति कौशल किशोर दुबे, उसी गांव के कौशल किशोर, भोरे धर्मपुरा गांव की विभा मिश्रा पति सुनील मिश्रा, विजयीपुर के मठिया गांव के नथुनी प्रसाद, धनौली के मनोज यादव, नयाटोला की विद्यावती देवी पति वीरेंद्र सिंह के नाम पर राशि ट्रांसफर कर उनसे ले लिया गया.
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ऐसे हुआ था फ्रॉड का खुलासा
दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक आरएन पांडेय का तबादला 30 जून को हुआ था. लेकिन, वे 31 अगस्त को अपना प्रभार सैयद मशरूक आलम को दिये. 22 सितंबर को एमडी के सामने आया कि भोरे में फिक्स डिपॉजिट में फ्रॉड हुआ है. तत्काल बैंक के अध्यक्ष महेश राय को इसकी सूचना दी. जानकारी मिलते ही महेश राय एक्शन में आ गये. अध्यक्ष के आदेश पर बैंक की ओर से तत्काल प्रभाव से जांच टीम का गठन किया गया. जांच टीम ने 30 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 2.98 करोड, 75 लाख 135 रुपये फ्रॉड करने का साक्ष्य सामने आया. जांच रिपोर्ट आने के साथ ही शाखा प्रबंधक व सहायकों से स्पष्टीकरण तलब किया गया. अपने जवाब में बैंक प्रबंधक व कर्मियों ने फ्रॉड को स्वीकार कर लिया.
अब तक 80 लाख की हो चुकी है रिकवरी
बैंक प्रबंधन बोर्ड ने सात अक्तूबर को आपात बैठक की, जिसमें घोटाले में लिप्त तीनों को निलंबित कर इसकी हाइलेबल जांच कराने का निर्णय लिया. उसके बाद एमडी सैयद मशरूफ आलम ने अपने पत्रांक 304/10.10.2023 से सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव को पूरी जानकारी देते हुए भोरे, विजयीपुर, कटेया शाखा की गहन ऑडिट व जांच कराने की अनुशंसा की. उधर, बैंक के अध्यक्ष महेश राय ने बताया कि बैंक के एक्शन में आने के बाद अबतक 80 लाख तक की राशि रिकवरी हो चुकी है. अभी रिकवरी की प्राथमिकता है.