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Uttarkashi Rescue Operation: फिर रुक गई ड्रिलिंग, आज भी पूरा नहीं होगा रेस्क्यू, जानें क्यों आ रही है अड़चन

बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों ने कहा कि हर हाल में फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जाएगा और इसके लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब 12 से 15 मीटर की ड्रिलिंग अभी भी बाकी है. तकनीकी कारणों से फिलहाल ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है.

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने का अभियान आज भी पूरा नहीं हो सकेगा. रेस्क्यू ऑपरेशन को एक बार फिर रोक दिया गया है. खबर है कि ऑगर मशीन के सामने कोई सख्त वस्तु के आ जाने से मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है जिसके कारण रेस्क्यू को रोक देना पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल हाथ से मलबा हटाने का काम किया जाएगा. गौरतलब है कि बीते 13 दिनों से टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की कवायद की जा रही है.

रोक दी गई है ड्रिलिंग
बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर हाल में फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जाएगा और इसके लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए लगभग 12 से 15 मीटर की ड्रिलिंग अभी भी बाकी है. लेकिन तकनीकी कारणों से फिलहाल ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि हमें अभी बहुत सतर्क रहना है. हम करीब 46.57 मीटर के आसपास पहुंच गये हैं.

सभी श्रमिक सुरक्षित
बचाव में लगे एनडीएमए के सदस्य ने कहा है कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उनके रिश्तेदारों, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनसे बात भी की है, गुरुवार को देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने का काम को रोकना पड़ा था, क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखाई दीं थी. जिसके बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी. वहीं शुक्रवार को किसी सख्त वस्तु के बीच में आ जाने के कारण ड्रिलिंग रोकी गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिल्कयारा टनल घटनास्थल का दौरा कर बचाव अभियान का जायजा लिया. इस दौरान सीएम धामी सिल्कयारा टनल से रवाना हुए जहां फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.

12 नवंबर को हुआ था हादसा

गौरतलब है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा बीते 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि बचाव अभियान पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ घटनास्थल पर मौजूद हैं. इस बीच एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 12 निर्माणाधीन सुरंगों का निरीक्षण और सुरक्षा ऑडिट तीसरे पक्ष द्वारा किया जाएगा और सुरंगों के पास ड्रिलिंग मशीन तैनात की जाएंगी, जिनका इस्तेमाल उत्तराखंड जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर किया जाएगा. 

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