Constitution Day 2023: 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन राष्ट्रीय कानून दिवस भी होता है. यह दिन भारत के लोगों के लिए बेहद खास होता है. 26, नवंबर, 1949 को देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था. संविधान बनकर तैयार भी इसी दिन हुआ था और इसे विधिवत रूप से अपनाया गया था. 26 नवंबर का दिन भारत के संविधान के लिए एतिहासिक दिन है. भारत के संविधान के निर्माण में बिहार की अहम भूमिका रही है. इस भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है. इसमें कई लोगों ने अपना योगदान दिया है.
भारत के संविधान के निर्माण में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका रही है. यह देश के संविधान के निर्माता है. लेकिन, इसमें कई लोगों ने भीमराव अंबेडकर की मदद की थी. दरअसल, संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे. इसके 36 सदस्य बिहार के रहने वाले थे. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और सचिदानंद इन सदस्यों में शामिल थे. 299 सदस्य में अलग- अलग राज्यों के लोग शामिल थे. इसमे बिहार के लोगों का भी खास यागदान है. साल 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से संविधान सभा को निर्मित करने की मांग की गई थी.
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कृष्णा सिन्हा, दीप नारायण सिंह, कृष्ण बल्लभ सहाय और बिनोदानंद झा बिहार के रहने वाले थे. इस दौरान बिहार और झारखंड एक हुआ करता था. वहीं, अनुग्रह नारायण सिन्हा बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री थे. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद संवैधानिक सभा के राष्ट्रपति बने थे. देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे. वह बारह साल तक देश के राष्ट्रपति थे. डॉक्टर सचिदानंद सिन्हा संविधान सभा के पहले सदस्य बने थे. बिहार को स्वतंत्र राज्य बनाने में इनकी अहम भूमिका रही है. इनके अलावा बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला, कमलेश्वरी प्रसाद यादव, जगजीवन राम, कामेश्वर सिंह, जयपाल सिंह मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, बिनोदानंद झा, श्री कृष्ण आदि लोगों का भारत के संविधान निर्माण में योगदान रहा है.