पूरी दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो तोता पालते है. साथ ही कबूतर भी पालते हैं. इन दोनों को अच्छे पालतू पक्षी माना जाता है, और इन्हें घर में पालने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि तोते-कबूतर पालना सेहत पर भारी पड़ सकता है. आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
दरअसल, कबूतर के मल-मूत्र में क्रिप्टोकोकस फफूंद काफी मात्रा में पाया जाता है. जबकि चिड़ियों में से तोता, चिकन या काकटू में भी कम मात्रा में पाया जाता है. ये फफूद, कबूतर के बीट से हवा में आ जाते हैं और मनुष्य के सासों से होते हुए फेफड़े में चले जाते हैं.
अगर मनुष्य की इम्युनिटी कम है तो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. जैसे डायबिटीज, एड्स, किडनी या लीवर ट्रांस्पलंट मरीजों में ये फफूंद फेफड़े से होते हुए मनुष्य के ब्रेन में पहुंचते हैं और क्रिप्टोकोकॉकल मेनिनजाइटिस कर देते हैं.
Also Read: Health Tips: डायबिटीज मरीजों के लिए बेस्ट है लौकी की बर्फी, जानिए इसकी आसान रेसिपीअधिकांश लोग बीमार नहीं होंगे, लेकिन पहले से ही कमजोर प्रतिरक्षा वाले कमजोर लोग छाती में संक्रमण या मेनिनजाइटिस से बहुत बीमार हो सकते हैं.
क्रिप्टोकोकस एक खमीर जैसा कवक है जो पर्यावरण में रहता है. क्रिप्टोकोकस संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है. अगर लोग इसे सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वे संक्रमित हो सकते हैं.
यह दुनिया के अन्य हिस्सों में आम है, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय भागों में, अमेरिका और उसके जैसे देशों में जहां इस विशेष प्रकार के कवक के साथ अधिक समस्याएं हैं लेकिन ब्रिटेन में यह बहुत असामान्य है.
यदि आप सफाई कर रहे हैं या मल-मूत्र के संपर्क में आते हैं, तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए. खाने, पीने या अपने मुंह के पास हाथ रखने से पहले अपने हाथ धोएं और किसी भी खुली त्वचा को साफ करें.
Also Read: Success Mantra: सफल होने के लिए अपनाएं ये बेहतरीन टिप्स, सफलता चूमेगी आपकी कदमइसी तरह, यदि आप पक्षियों को खाना खिला रहे हैं या उन्हें संभाल रहे हैं, तो उसके बाद अपने हाथ धो लें.
ये बीमारी काफी गंभीर है और जानलेवा भी. ऐसे में आप चिड़ियों से प्रेम करें पर थोड़ा सावधानी से और सफाई के साथ, तभी आप संक्रमित होने से बच सकते हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.