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एक फीसदी वोट ही तय करते हैं हार-जीत, मंत्रियों की सीटों पर कम वोटिंग, राजस्थान चुनाव में फिर उलटफेर के संकेत

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में एक फीसदी वोटों के स्विंग से ही हार-जीत तय हो जाती है. ऐसे में एक दिन पूर्व हुए राजस्थान में मतदान एक बार फिर उलटफेर की ओर इशारा कर रहे हैं.

वीरेंद्र आर्य

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में एक फीसदी वोटों के स्विंग से ही हार-जीत तय हो जाती है. ऐसे में एक दिन पूर्व हुए राजस्थान में मतदान एक बार फिर उलटफेर की ओर इशारा कर रहे हैं. निर्वाचन विभाग के अनुसार प्रदेश में 74.96 फीसदी मतदान हुआ है. ये आंकड़ा पिछले मतदान से अधिक है, हालांकि फाइनल आंकड़े आना अभी बाकी हैं. पिछले चुनाव में 74.06 फीसदी वोटिंग हुई थी. माना जा रहा है कि अंतिम आंकड़ों में पिछली बार की तुलना में डेढ़ फीसदी अधिक वोटिंग दर्ज हो सकती है.

परिसीमन के बाद राजस्थान में सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड 2013 में बना था, जो 75.04 प्रतिशत था. निर्वाचन विभाग के सूत्रों के अनुसार अंतिम आंकड़े जारी होने पर राजस्थान इस बार नया रिकॉर्ड बना सकता है. निर्वाचन विभाग के सूत्रों के अनुसार अंतिम आंकड़े जारी होने पर पिछले परिसीमन के बाद की वोटिंग को देखते हुए राजस्थान इस बार नया रिकॉर्ड बना सकता है.

ऐसा रहा है समीकरण

पिछले चार चुनाव के अंकड़ों के अनुसार वोटिंग बढ़ने पर राजस्थान में भाजपा सरकार बना लेती है और वोटिंग कम होने पर कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिल जाता है. 2003 में कांग्रेस की गहलोत सरकार थी, तब 3.79 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग से भाजपा ने सरकार बना ली थी. इसके बाद 2008 में 2003 की तुलना में 0.93 कम वोटिंग हुई और भाजपा को हराकर कांग्रेस ने सरकार बना ली. इसी तरह लोकसभा चुनाव से पहले हुए राजस्थान के 2013 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर का फायदा मिला. तब पिछली बार के मुकाबले 8.79 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई और भाजपा ने कांग्रेस को बेदखल कर दिया था. वर्ष 2018 के चुनाव में फिर वोटिंग 0.98 फीसदी कम रही और कांग्रेस को फायदा मिला, कांग्रेस की सरकार बनाई. इन आंकड़ों के हिसाब से आंकलन करें, तो इस बार वोटिंग पर्सेंजेट बढ़ा है, जो सरकार के बदलाव की ओर इशारा कर रहा है.

मंत्रियों की सीटों पर कम हुई वोटिंग

इस चुनाव में मुख्यमंत्री गहलोत सहित 28 मंत्री मैदान में हैं. गहलोत सहित 18 मंत्रियों की सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहा है, वहीं 10 मंत्रियों की सीटों पर 1 फीसदी तक भी बढ़त नहीं है. इस आंकड़े ने भी मंत्रियों को तनाव दिया हुआ है. गहलोत की सीट जोधपुर की सरदारपुरा में इस बार 2.59 प्रतिशत वोटिंग में कमी आई है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की झालावाड़ की झालरापाटन सीट पर करीब 2 फीसदी कम वोटिंग हुई है, लेकिन प्रभाव के कारण हमेशा की तरह दोनों की सीटें सुरक्षित रहने का अनुमान है.

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