मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्री कृष्ण की साधना-आराधना और पूजन-कीर्तन करने से मनुष्यों को सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है. भगवान श्री कृष्ण को खुश करने के लिए मार्गशीर्ष मास बेहद ज्यादा अच्छा माना जाता हैं.
मार्गशीर्ष मास में धनु संक्रांति मनाई जाती है, इस दिन से एक माह के लिए खरमास लग जाते हैं, इसके बाद मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश न करें. इससे दांपत्य जीवन में परेशानियां आने लगती हैं और धन की हानि होती है.
मार्गशीर्ष महीना भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है, इस मास में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही जीरे का सेवन करने से बचें. मार्गशीर्ष में एक समय भोजन करना चाहिए.
मार्गशीर्ष में सप्तमी और अष्टमी तिथियों को मासशून्य तिथियां माना जाता है, इन तिथियों को कोई भी शुभ और मंगल कार्य करने से बचना चाहिए. मान्यता है वंश और सम्मान की हानि होती है.
मार्गशीर्ष मास में कपूर जलाकर तुलसी की परिक्रमा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. मार्गशीर्ष मास में कपूर जलाकर तुलसी की परिक्रमा करने से श्रीकृष्ण भगवान प्रसन्न होते हैं और घर में बरकत का वास होता है.