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झारखंड: पलामू में पधारेंगे बागेश्वर धामवाले धीरेंद्र शास्त्री! क्या बोलीं मेदिनीनगर की पहली मेयर अरुणा शंकर?

मेदिनीनगर की पहली मेयर अरुणा शंकर ने कहा उपायुक्त द्वारा दिए गए पत्र के अनुसार नदी के तट पर पॉल्यूशन फैलने, बरसात आने पर बड़ी दुर्घटना एवं सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आपकी सरकार आपके द्वार को लेकर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को स्थगित किया गया है.

पलामू, चंद्रशेखर सिंह: हनुमंत कथा आयोजन समिति की संयोजक मेदिनीनगर की प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने 10, 11, 12 दिसंबर को होने वाले बागेश्वर धामवाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर डीसी के आदेश को दुखद बताया है. उन्होंने कहा कि मेदिनीनगर के सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) ने सभी विभागों की अनुशंसा एवं समीक्षा के बाद 2 दिन पूर्व आदेश जारी किया था, लेकिन पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने उसे स्थगित कर दिया. ये बेहद दुखद है. जल्द ही वे नया कथा स्थल का प्रस्ताव जिला प्रशासन को देंगे, ताकि पलामू की धरती पर बागेश्वर सरकार पधार सकें. 30 नवंबर को झारखंड हाईकोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई होनी है.

नदी तट पर पलामू में हमेशा होता रहा है बड़ा कार्यक्रम

मेदिनीनगर की पहली मेयर अरुणा शंकर ने कहा उपायुक्त द्वारा दिए गए पत्र के अनुसार नदी के तट पर पॉल्यूशन फैलने, बरसात आने पर बड़ी दुर्घटना एवं सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आपकी सरकार आपके द्वार को लेकर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को स्थगित किया गया है, जबकि हमारे ही शहर एवं प्रमंडल के नदी तट पर लाखों लोगों की भीड़ के साथ अभी-अभी छठ पर्व शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया. पलामू किले के समीप नदी पर वर्षों से सफलतापूर्वक तीन दिवसीय पलामू मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाया गया, जहां लाखों श्रद्धालु उपस्थित हुए. जोड़, पूर्वडीहा, सिंगरा में भी हर वर्ष नदी के तट पर बड़े स्तर पर सफलतापूर्वक मेले का आयोजन किया जाता रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं.

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प्रदूषण बहाना है

मेदिनीनगर की पूर्व महापौर अरुणा शंकर बताती हैं कि हर 1 जनवरी एवं 14 जनवरी को नदी के तट पर लाखों की संख्या में लोग होते हैं. समारोह पर कभी पॉल्यूशन की शर्तें नहीं रखी जातीं. ऐसे धार्मिक आयोजन से पॉल्यूशन नहीं बल्कि वातावरण स्वच्छ होता है. रही बात सरकार के महत्वाकांक्षी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा तो इस योजना के तहत पदाधिकारियों को गांव-गांव में खुद जाकर सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को देना है ना की कोई भीड़ जमा करना है. आज हमारे शहर में विश्वविख्यात कथा वाचक देवकीनंदन जी के सानिध्य में कथा एवं महायज्ञ चल रहा है. इससे पॉल्यूशन नहीं शहर को सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है. ऋषि-मुनि एवं करोड़ों श्रद्धालुओं से सजा कुंभ मेला भी नदी के संगम पर ही होता है. जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार से भी अनुरोध करूंगी कि जन-जन में बसे बागेश्वर सरकार को पलामू में आने दें.

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30 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई

प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने कहा कि पलामू में यह कार्यक्रम नदी के तट पर करने का प्रस्ताव हम सभी ने दिया था, जहां पॉल्यूशन फैल सकता है, लेकिन रांची, धनबाद, गिरिडीह और बाघमारा में अनुमति क्यों नहीं? प्रथम महापौर ने बताया कि जल्द हम सब जिला प्रशासन को नया कथा स्थल प्रस्तावित करने जा रहे हैं, जो नदी के तट से दूर होगा, ताकि बागेश्वर सरकार का कार्यक्रम कराया जा सके. एक सवाल के जवाब में प्रथम महापौर ने स्पष्ट किया हम सब इस कार्यक्रम को कराने के लिए उच्च न्यायालय में भी अर्जी लगाई है. इसकी सुनवाई 30 नवंबर को होनी है.

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