Adani Share: अदाणी ग्रुप के शेयरों में मंगलवार को तूफानी तेजी देखने को मिल रही है. इससे कंपनी फोकस लिस्ट में शामिल हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखने के बाद हैवी वॉल्यूम्स में कारोबार हो रहा है. इधर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने वाले बाजार नियामक सेबी पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. उसने कहा कि बाजार नियामक की जांच के बारे में भरोसा नहीं करने के लायक कोई भी तथ्य उसके समक्ष नहीं है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए दावों को पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं मानकर चल रहा है. पीठ ने कहा कि उसके समक्ष कोई तथ्य न होने पर अपने स्तर पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना उचित नहीं होगा. इसके बाद, मंगलावर को ग्रुप की लगभग सभी कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिल रही है. पिछले हफ्ते अदाणी ग्रुप का बाजार पूंजीकरण में 14,786 करोड़ रुपये जुड़े थे.
13 प्रतिशत उछला अदाणी पावर
अदाणी पावर के शेयर आज बढ़त के साथ खुले और एनएसई पर ₹428 के नए सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गए. अदाणी पोर्ट्स का शेयर मूल्य आज बढ़त के साथ खुला और एनएसई पर इंट्राडे में ₹826 प्रति शेयर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो शुक्रवार को ₹795.55 प्रति शेयर के बंद स्तर के मुकाबले लगभग 4 प्रतिशत इंट्राडे बढ़त के साथ बंद हुआ. प्रमुख अदाणी समूह के शेयर अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर तेजी के साथ खुले और आज शेयर बाजार की शुरुआती घंटी बजने के कुछ ही मिनटों के भीतर ₹2,374.90 के इंट्राडे हाई को छू गए. अदाणी टोटल का शेयर मूल्य आज ₹550 प्रति शेयर के उपयोग अंतर के साथ खुला और एनएसई पर ₹642 के इंट्राडे उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो मंगलवार के सौदों के दौरान 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया. सुबह के सौदों के दौरान अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर मूल्य 13 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया. मंगलवार को सुबह के सत्र में अदाणी ग्रीन एनर्जी 7.50 प्रतिशत से अधिक चढ़ा. मंगलवार को सुबह के सत्र के दौरान अदाणीसमूह के अन्य शेयर भी सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे.
अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर 11 प्रतिशत चढ़े
अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर आज सुबह 2,301 पर खुले. जो कुछ ही, घंटों में कारोबार के वक्त 2512.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. दोपहर 12 बजे तक कंपनी के शेयर 10.87% यानी 241.85 रुपये की तेजी के साथ 2,467.30 पर कारोबार कर रहा था. हालांकि, कंपनी के स्टॉक अपने उच्चतम स्तर से काफी नीचे कारोबार कर रहा है. पिछले 52 सप्ताह में स्टॉक 4,190 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा है. जबकि, ये न्यूनतम 1,017.45 रुपये तक गिरा है.
हिंडनबर्ग पर सुप्रीम ने क्या कहा
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले से संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. यह मामला जनवरी में आई हिंडनबर्ग रिसर्च की एक शोध रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और धोखाधड़ी के आरोपों से संबंधित है. हालांकि समूह ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया लेकिन उसकी कंपनियों के शेयरों के भाव में भारी गिरावट आ गई थी. न्यायालय ने कुछ मीडिया रिपोर्टों के आधार पर सेबी को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए कहे जाने पर आपत्ति जताई. उसने कहा कि वह एक वैधानिक नियामक को मीडिया में प्रकाशित किसी बात को अटल सत्य मानने को नहीं कह सकता है. पीठ ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में वर्णित बिंदुओं को हमें अपने-आप ‘मामले की सच्ची स्थिति’ मानने की ज़रूरत नहीं है. इसीलिए हमने सेबी को जांच करने का निर्देश दिया. क्योंकि हमारे लिए किसी रिपोर्ट में दर्ज ऐसी चीज को स्वीकार करना, जो हमारे समक्ष नहीं है और जिसकी सत्यता का परीक्षण करने का हमारे पास कोई साधन भी नहीं है, वास्तव में अनुचित होगा.
याचिकाकर्ता ने सेबी पर उठाये सवाल
पीठ ने एक याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण की तरफ से सेबी की भूमिका पर संदेह जताने पर यह बात कही. भूषण ने कहा था कि सेबी के पास अडाणी समूह की गड़बड़ियों के बारे में वर्ष 2014 से ही तमाम जानकारी उपलब्ध थी. इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि उन्होंने (सेबी) अपनी जांच पूरी कर ली है. उनका कहना है कि अब यह उनके अर्द्ध-न्यायिक क्षेत्राधिकार में है. कोई कारण बताओ नोटिस जारी करने के पहले क्या उन्हें जांच का खुलासा कर देना चाहिए. इस पर भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत को इस पर भी गौर करना होगा कि क्या सेबी की जांच विश्वसनीय है और क्या इसकी जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र संगठन या एसआईटी को सौंपा जाना चाहिए. इस पर पीठ ने सवाल उठाते हुए कहा कि सेबी के काम पर संदेह करने वाला तथ्य हमारे समक्ष कहां है? इसके साथ ही पीठ ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के दो सदस्यों पर ‘हितों के टकराव’ का आरोप लगाने पर भी कड़ी टिप्पणी की. पीठ ने कहा कि आपको काफी सतर्क होने की जरूरत है. आरोप लगाना बहुत आसान है लेकिन हमें निष्पक्षता के बुनियादी सिद्धांत का भी ध्यान रखना है.
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