UP Assembly Winter Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के चार दिवसीय शीतकालीन सत्र की मंगलवार से शुरुआत हो गई. पहले दिन पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन सहित अन्य दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई. ये सत्र विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 2023 के अनुसार संचालित होने वाला पहला सत्र बन गया है. नई नियमावली काफी मंथन करने के बाद बनाई गई है, इसमें कई अहम बिंदु हैं. सपा के विधायकों ने इस पर ऐतराज जताया है. उनका कहना है इसमें विपक्ष को उसके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. सदस्य सदन में विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास भी नहीं जा सकेंगे. सदन में बोलते समय दर्शक दीर्घा में किसी अजनबी की ओर संकेत नहीं कर सकेंगे, न ही उसकी प्रशंसा कर सकेंगे. लॉबी में भी तेज आवाज में न तो बात कर सकेंगे न ही हंस सकेंगे. वहीं दूसरी सत्तापक्ष का दावा है कि नई नियमावली सत्र सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए बनाई गई है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शीतकालीन सत्र के सुगम संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में उप्र विधानसभा की ‘प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 2023’ पुस्तिका का विमोचन किया है. इसमें नियमावली से जुड़े सभी जानकारी दी गई है.
सत्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को लखनऊ पूर्वी से भाजपा विधायक रहे स्वर्गीय आशुतोष टंडन गोपाल के निधन पर शोक व्यक्त करने के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आशुतोष टंडन के कार्यों को याद करते हुए उन्हें नमन किया. सदन में अन्य दिवंगत सदस्यों को लेकर भी शोकर प्रस्ताव पढ़ा गया.
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इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट के साथ ही विधायी कार्य जो लंबित है वो पूरे होंगे. मेरी सभी से अपील है कि जिस गरिमापूर्ण तरीके से उत्तर प्रदेश विधानमंडल देश में वर्तमान में चर्चा में है, उस गरिमा को बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल सत्तापक्ष की नहीं बल्कि विपक्ष की भी है.विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले हर प्रश्न का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है.
यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नई नियमावली का विरोध करने के लिए सपा विधायक काले कपड़ों में पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सफेद ने कहा कि ये सरकार और नई नियमावली का विरोध है. लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं. जनता ने हमें चुनकर भेजा है. सरकार नहीं चाहती कि हम सरकार के सामने जनता के सवाल उठाएं इसीलिए नए नियम ला रहे हैं. हम लोकतंत्र की मर्यादा में रहकर अपने सवाल उठाएंगे. सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सरकार की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि यूपी सरकार बिजली, पानी और सड़क के मोर्चे पर पूरी तरह असफल साबित हुई है. सरकार खेती, किसानी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी नाकाम हुई है. सरकार सदन चलाने से भागती है और संवाद नहीं करना चाहती है.
शीतकालीन सत्र में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विपक्ष को हर मुद्दे पर जवाब देने की रणनीति बनाई है. दूसरी ओर विपक्ष भी सरकार को जाति जनगणना, कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर घेरने की तैयारी में जुटा है. मंगलवार को जिस तरह से सपा विधायक नई नियमावली के विरोध में काले कपड़ों में पहुंचे, उससे उनके तेवर साफ नजर आ रहे हैं. सत्र प्रारंभ होने से पहले लोकभवन में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और सकारात्मक चर्चा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब दें. बैठक में भाजपा के सहयोगी दलों के विधायक भी मौजूद रहे. इसी तरह सपा विधानमंडल दल की बैठक में भी सरकार को घेरने पर चर्चा हुई. इस दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने विधायकों के साथ सत्र से संबंधित विषयों पर चर्चा की.