बिहार में फिर एकबार अब वर्ष 2005 के पहले और बाद के शासनकाल का मुद्दा गरमाया है. रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने जदयू की ओर से आयोजित भीम संसद में 2005 से पहले वाले बिहार की स्थिति बतायी थी. उन्होंने अपने शासनकाल में हुए विकास कार्यों का भी जिक्र किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को ही नशामुक्ति दिवस को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में भी 2005 के बाद से बिहार में आए बदलाव और अपने नेतृत्व में किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया. वहीं अब राजद की ओर से भी प्रतिक्रिया आयी है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर अपनी राय दी है.
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा है कि 2005 के पहले भी लालू प्रसाद के कार्यकाल में बिहार में दलित उत्थान का कार्य हुआ है. रविवार को जदयू के भीम संसद को बहुत सफल बताते हुए शिवानंद ने आयोजकों को बधाई दी. साथ ही यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सम्मेलन की सफलता से अभिभूत थे. गदगद नीतीश ने झोंक में कह दिया कि 2005 के पहले दलितों के उत्थान पर कोई ध्यान नहीं देता था. नीतीश कुमार हमारे पुराने साथी हैं. आजकल झोंक में ऐसा भी बोल जाते हैं, जिसकी उम्मीद उनके जैसे व्यक्ति से नहीं की जाती है. मेरे जैसे उनके पुराने सहयोगी को उनमें आये इस परिवर्तन को लेकर कभी-कभी चिंता भी होती है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार यह क्यों भूल जाते हैं कि इसी बिहार में कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता को खुले आम कैसी कैसी गलियां दी गयी थीं. बिहार के वैसे सामंती समाज में लालू प्रसाद की सरकार बनी थी. ऐसे समाज को बदलने की शुरुआत लालू जी ने दलितों को ही लक्ष्य बना कर शुरू किया था.
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बता दें कि नशामुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले पर बोल रहे थे. मुख्यमंत्री नशा से दूर रहने के फायदे गिना रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने बिहार में आए बदलाव की भी बात कही. दहेज मुक्त विवाह के लिए अपने प्रयासों का उन्होंने जिक्र किया. बिहार में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के बारे में भी बोले. राजगी के मलमास मेले की भीड़ आदि पर बोल रहे नीतीश कुमार ने फिर वर्ष 2005 के पहले वाले बिहार की भी याद दिलाई. उन्होंने कहा कि 2005 से पहले यहां क्या स्थिति थी? घर से बाहर कोई निकल पाता था? बच्चियां कहां पढ़ पाती थी? फिर अपने प्रयासों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि हमने बच्चे-बच्चियों को पढ़ने का इंतजाम कराया. महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान के फायदे गिनाए.
वहीं रविवार को ही जदयू की ओर से भीम संसद का आयोजन किया गया था. पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान पर भारी भीड़ जमा हुई थी. इस दौरान अपने संबोधन में भी नीतीश कुमार ने 2005 के पहले और बाद वाले बिहार का जिक्र किया. सीएम ने कहा कि 2005 में राज्य का हमने शासन संभाला. इसके पहले शाम में लोग घर के बाहर नहीं निकलते थे. अब लोग निकल रहे हैं. अब महिलाएं भी बड़ी संख्या में निकलती हैं. देर रात तक लोग घूमते हैं. सीएम ने कहा कि हमने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया और आगे भी करते रहेंगे.
गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से सरकार चल रही है. इससे पहले प्रदेश में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहीं. नीतीश कुमार अलग-अलग गठबंधन के साथ इस बीच मुख्यमंत्री बने रहे. एनडीए के साथ सरकार में शामिल रही जदयू ने दो बार भाजपा से दूरी बनायी और सूबे में महागठबंधन की सरकार बनी. वर्तमान में जदयू ने खुद को एनडीए से अलग किया और राजद-कांग्रेस व वामदलों के साथ महागठबंधन में शामिल हुई. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं.