रांची: झारखंड से लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करते हैं. लेबर मिनिस्ट्री के आंकड़ों की मानें तो झारखंड से 10 लाख लेबर बाहर काम कर रहे हैं. खास बात यह है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इन मजदूरों का लेखा-जोखा रखने के लिए एक खास योजना चला रखी है. इसका सबसे बड़ा फायदा दुर्घटना में मौत पर मिलने वाला मुआवजा और परिवार को वित्तीय मदद है. यही नहीं सरकार ने घायल होने की स्थिति में भी अपने मजदूरों की मदद के लिए रकम मुकर्रर कर रखी है.
अनहोनी पर विशेष वित्तीय मदद देती है सरकार
झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के मुताबिक दिसंबर 2021 में राज्य से बाहर काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक योजना शुरू की गई है. इसका नाम सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव है. इसमें पंजीकृत मजदूरों को अनहोनी घटना पर विशेष वित्तीय मदद दी जाती है.
योजना से 1.39 लाख वर्कर पंजीकृत
झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के मुताबिक इस योजना में 1.39 लाख वर्कर पंजीकृत हैं. सरकार ने इस योजना के तहत दुर्घटना में मौत पर 2 लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया है. साथ ही अपंजीकृत श्रमिकों के परिवार के लिए डेढ़ लाख रुपये का प्रावधान है. यही नहीं अगर काम के दौरान चोटिल होते हैं तो सरकार 1 लाख रुपये की वित्तीय मदद देगी. वहीं दूसरे मामलों में 75 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देगी.