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अंबाती रायुडू ने बताया MI और CSK की सफलता का राज, फ्रेंचाइजियों को लेकर कही ये बड़ी बात

रायडू ने यूट्यूब चैनल बियर बाइसेप्स के साथ बातचीत के दौरान बताया कि एमआई और सीएसके को अन्य टीमों की तुलना में आईपीएल में इतनी सफलता क्यों मिलती है.

आईपीएल में छह बार के चैंपियन रह चूक पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंबाती रायडू, रोहित शर्मा के नेतृत्व में मुंबई इंडियंस के साथ तीन आईपीएल खिताब जीते और फिर एमएस धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ तीन खिताब जीते हैं. रायडू ने आईपीएल की शुरुआत 2010 में मुंबई इंडियंस से की थी और फ्रेंचाइजी के साथ अपने आठ साल के जुड़ाव के दौरान, उन्होंने 114 मैचों में 2416 रन बनाए. वह आईपीएल 2018 की मेगा नीलामी में सीएसके में शामिल हुए और मेन इन येलो के लिए उन्होंने 90 मैच खेले और 1932 रन बनाए. इस साल की शुरुआत में सीएसके के साथ आईपीएल 2023 का खिताब जीतने के बाद रायडू ने खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी.

MI और CSK को अन्य टीमों की तुलना में मिलती है अधिक सफलता: रायडू

रायडू ने आईपीएल को बहुत करीब से देखा है. बता दें एक यूट्यूब चैनल बियर बाइसेप्स के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने बताया कि एमआई और सीएसके को अन्य टीमों की तुलना में आईपीएल में इतनी सफलता क्यों मिलती है.  उन्होंने बिना नाम लिए दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और पंजाब किंग्स जैसी फ्रेंचाइजियों पर करारा कटाक्ष किया और कहा कि उनके प्रबंधन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि टीम कैसे बनाई जाए, और खिलाड़ियों का समर्थन करने के बजाय, वे हमेशा संख्याओं में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘एमआई और सीएसके लंबे समय तक अपने मूल को बनाए रखने में सक्षम हैं, इसलिए वे इतने सफल रहे हैं. कमजोर या मजबूत टीमों जैसा कुछ नहीं है. सभी के पास (नीलामी में) समान पैसा है. यह वही है जो वे इसके साथ करते हैं. बहुत सारी टीमों को पता ही नहीं है कि टीम कैसे बनानी है, और उन कमरों में बैठे बहुत से लोगों को बिल्कुल भी पता नहीं है. भले ही वे क्रिकेट जगत से हों, मुझे नहीं लगता कि वे चीजों को उस तरह से देखते हैं, जिस तरह से उन्हें देखना चाहिए. वे सिर्फ संख्याओं, आंकड़ों और उन सभी बकवासों में उलझे हुए हैं.’

किसी भी खिलाड़ी का करियर कभी भी खत्म नहीं होता है

रायडू ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा, ‘खेल तो खेल है, वहां बैठे लोग ये नहीं दखते हैं कि वह कौन है या वह कितना सक्षम है. उसकी मानसिकता क्या है. वह रन बनाने का या विकेट लेने का कितना भूखा है. खराब परिस्थिति के बाद भी वह सामने वाली टीम पर कितना प्रभाव डाल सकता है. वे सिर्फ आंकड़े देखते हैं, और कहते हैं ये खिलाड़ी समाप्त हो गया है. कोई भी कभी खत्म नहीं होता. खिलाड़ियों को हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. जब कोई खिलाड़ी सीखने की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है, तो आप वहां उसका समर्थन करते हैं. यह चीज एक चैंपियन टीम बनाती है. एमआई और सीएसके टीम ऐसा करता है. मुझे लगता है कि केकेआर भी तब था जब गौती (गौतम गंभीर) भाई वहां थे.

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