बिहार में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक का एक नया फरमान आया है. केके पाठक के इस फरमान के बाद बिहार सियासी हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है. केके पाठक का नया फरमान सत्तारूढ़ दल के एक एमएलसी को लेकर है. उन्होंने सीपीआई एमएलसी सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी है. पाठक ने एमएलसी संजय सिंह के साथ साथ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा के पेंशन और वेतन पर भी रोक लगा दी है. केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने शिक्षक संघ फुटाब के दो पदाधिकारी प्रोफेसर बहादुर सिन्हा का सैलरी और पेंशन तो वहीं एमएलसी और प्रोफेसर संजय सिंह की पेंशन रोक दी है.
उनके इस फैसले के बाद बिहार सियासी तापमान बढ़ गया है. इससे पहले केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 2024 में छुट्टियों को लेकर जो कैलेंडर जारी किया था उसपर बवाल हो गया था. यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि केके पाठक ने एक और नया फरमान सुना दिया है. पेंशन पर रोक लगने के बाद एमएलसी संजय सिंह ने शिक्षा विभाग के आदेश को तुलगकी फरमान कहा है. उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से इसे वापस नहीं लिया गया तो हम लोग सीएम नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरना देंगे. संजय सिंह शिक्षक संघ फुटाब के महासचिव हैं और वामदल सीपीआई से जुड़े हुए हैं. वाम एमएलसी संजय सिंह के खिलाफ पाठक की इस कार्रवाई के बाद बिहार में सियासी हंगामा खड़ा हो सकता है.
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एमएलसी संजय सिंह तिरहुत शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी बने है. इसके साथ ही वो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी हैं. बिहार में सीपीआई नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है. सीपीआई के विधानसभा में दो विधायक हैं. सीपीआई नीतीश कुमार की पहल पर एनडीए विरोध में बनी INDIA गठबंधन का भी हिस्सा है. केके पाठक के इस एक्शन के बाद जेडीयू और सीपीआई के बीच तकरार भी हो सकता है.