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बिहार से हटेगी शराबबंदी? सर्वे टीम घर-घर जाकर लोगों से पूछेगी सवाल, जानें नीतीश सरकार का प्लान

बिहार में एक बार फिर शराबबंदी को लेकर दिसंबर महीने के मध्य में सर्वेक्षण का काम शुरू होगा. मद्यनिषेध विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद विभाग अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने जा रही है

बिहार में एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर सर्वे कराया जायेगा. दिसंबर महीने के मध्य में इसकी शुरुआत होगी. राज्य में शराबबंदी को लेकर लगातार उठाए जा रहे सवालों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस पर अधिकारियों को एक बार फिर से शराबबंदी का सर्वे करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद मद्य निषेध विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने जा रहा है. जाति गणना के तर्ज पर एक–एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली जायेगी. सरकार की समझ है कि सर्वे से यह पता चल जायेगा कि कौन–कौन लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कौन–कौन इसके खिलाफ हैं? इससे पता चलेगा कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं. यह माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद पूरे राज्य में सर्वेक्षण का काम शुरू हो जाएगा.

सर्वे में पूछे जा सकते हैं इस तरह के सवाल

विभागीय सूत्रों के मुताबिक सर्वे का काम कैसे होगा, इसकी रूपरेखा पर चर्चा शुरू हो गयी है. इस सर्वे में कुछ एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. इस सर्वे के लिए एक प्रश्नावली तैयार की जा रही है, जिससे लोगों का फीडबैक लेना आसान हो जायेगा कि वे शराबबंदी के समर्थन में हैं या नहीं. इस सर्वे के लिए तैयार की जा रही प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा इस सर्वेक्षण में पारिवारिक आय, परिवार की सामाजिक आर्थिक स्थिति और कुछ दूसरे प्रश्नों को भी शामिल किया जाएगा.

शराबबंदी को लेकर क्यों हो रहा सर्वे

शरबबंदी को लेकर विपक्ष लगातार आरोप लगाते आ रहा है कि इस कानून के जरिए केवल गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है. राज्य में शराबबंदी लागू हुए सात साल हो चुके हैं. लेकिन जब से यह कानून लागू हुआ हैम तबसे इसे लेकर लगातार सियासत होती रहती है. अब बिहार सरकार एक सर्वे कराने जा रही है, जिसमें लोग अपने ‘मन की बात’ बता सकेंगे.

शराबबंदी कानून वापस नहीं लेंगे : सीएम नीतीश

बीते दिनों नशामुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शुरू से ही शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं. महिलाओं की मांग पर हमने शराबबंदी लागू की. अब कभी इसको वापस नहीं लेंगे. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपलोग ठीक ढंग से एक बार फिर शराबबंदी का सर्वे कीजिए. जिस तरह जाति आधारित गणना के दौरान एक–एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली गयी, उसी प्रकार एक–एक घर जाकर शराबबंदी को लेकर ठीक ढंग से आकलन कीजिए. सर्वे से यह पता चल जायेगा कि कौन–कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन–कौन इसके खिलाफ हैं? इससे पता चलेगा कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं.

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शराब पीने के पक्षधर कुछ बड़े लोग मेरे खिलाफ : सीएम नीतीश

मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुछ बड़े लोग शराब पीने के पक्ष में हैं और मेरे खिलाफ हैं. बापू के शब्द याद रखें. वह हमेशा इसके खिलाफ रहे हैं. ज्यादातर पुलिसकर्मी और अधिकारी सही होते हैं, लेकिन कुछ लोग गलतियां भी करते हैं. उन पर नजर रखें. उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि इसकी लगातार समीक्षा करते रहें. एक समय में एक ही चीज़ पर ध्यान दें. कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां यह ठीक से लागू नहीं है.

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पहले भी कई बार किया गया सर्वे

शराबबंदी कानून को लेकर इससे पहले भी कई सर्वे कराए गए, जिसमे बड़ी संख्या में लोगों के शराब की आदत छोड़ने की बात सामने आई थी. 2023 की शुरुआत में भी एक सर्वेक्षण बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना यानी जीविका के सहयोग से चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया था, इस सर्वे में 1.82 करोड़ लोगों द्वारा शराब छोड़े जाने की बात सामने आई थी. लेकिन, इस बार होने जा रहे सर्वेक्षण को ऐसा कहा जा रहा है कि कहीं इस सर्वे के बाद नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को वापस तो नहीं ले लेंगे.

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