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बिहार में रोजगार पाने का बड़ा मौका, साल में 3 बार यहां लगेगा नियोजन मेला, जिलों में खोले जाएंगे स्किल सेंटर

बिहार का श्रम संसाधन विभाग हर जिले में एक-एक मेगा स्किल सेंटर शुरू करेगा. बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर नामी-गिरामी कंपनियों में रोजगार दिलाने के उद्देश्य से जिलों में एक-एक मेगा स्किल केंद्र खोला जाएगा. इसके अलावा राज्य के दिव्यांग बेरोजगारों के लिए साल में तीन बार नियोजन मेला का आयोजन किया जाएगा.

बिहार में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर मिले इसलिए राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार नियोजन मेले का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भाग लेकर लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरियां भी मिल रही है. इसी कड़ी में अब श्रम संसाधन विभाग ने राज्य में दिव्यांगजनों के लिए हर साल जिलों में तीन बार नियोजन मेला लगाए जाने का निर्णय लिया है. इसकी तैयारी के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश भी भेजा जा चुका है, ताकि दिव्यांगजनों को रोजगार मिल सकें. हालांकि, नियमित लगने वाले रोजगार मेले में भी दिव्यांगों को शामिल होने की पहले से ही छूट है. इसके बावजूद दिव्यांगों के लिए अलग से नियोजन मेला लगाया जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक इस योजना को लेकर एक विभागीय बैठक हुई थी, जिसके बाद विभाग ने निर्णय लिया है कि 2024 जनवरी से इसकी शुरूआत की जाए. मेला लगाने के पहले इसका प्रचार-प्रसार होगा. इसके अलावा बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर नामी-गिरामी कंपनियों में रोजगार दिलाने के उद्देश्य से हर जिले में एक-एक मेगा स्किल सेंटर शुरू करने की भी योजना है.

मुख्य धारा से जुड़ पायेंगे दिव्यांग

हर साल दिव्यांगों के लिए रोजगार मेला आयोजन करने की योजना के पीछे विभाग का मकसद यह है कि दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक मुख्य धारा में लाया जा सके. इसके लिए विशेष योजना ‘नि:शक्त जनों के लिए नियोजन सहायता’ लॉन्च की गयी है. मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसके तहत विशेष कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है. नियोजन मेला के लिए जिलों को पहले ही राशि दी जा चुकी है.

मेले में आयेंगी देश की बड़ी कंपनियां

सामान्य नियोजन मेले की तरह ही नि:शक्तजनों के मेले में भी देश की बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया जायेगा. रोजगार मिलने के बाद दिव्यांगों को नौकरी से नहीं निकाला जाए, इसकी निगरानी भी होगी. निगरानी के पीछे विभाग की मंशा है कि ऐसा न हो कि नौकरी देने के महज कुछ ही दिनों के बाद दिव्यांगों को नौकरी से बाहर निकाल दिया जाए.

जिलों में खोले जाएंगे मेगा स्किल केंद्र

इसके अलावा राज्य के बेरोजगारों के लिए श्रम संसाधन विभाग हर जिले में एक-एक मेगा स्किल सेंटर शुरू करेगा. इसकी शुरुआत फरवरी से एक साथ 18 जिलों में होगी. श्रम संसाधन विभाग ने यह निर्णय बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर नामी-गिरामी कंपनियों में रोजगार दिलाने के उद्देश्य से लिया है. जिसके तहत हर जिले में एक-एक मेगा स्किल केंद्र खोले जाने हैं. जिसमें विभिन्न कंपनियों से सहयोग लेने की योजना भी बनी है. कंपनियों की ओर से बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जायेगा और प्रशिक्षण पूरा होने पर कंपनियां इन्हें रोजगार भी देंगी. स्किल केंद्र खोलने के लिए विभाग ने विश्व बैंक, ब्रिटिश काउंसिल, टीसीएस, डब्ल्यूएससी, नेस्कॉम, बार्बीक्यू नेशन, वी-मार्ट, जोमैटो, रिलायंस जिओ के प्रतिनिधियों के साथ विमर्श किया है.

बेरोजगारों का घर के पास मिलेगा रोजगार, पलायन भी होगा कम

मेगा स्किल सेंटर शुरू होने के बाद जब लोगों को घर के पास रोजगार और स्वराेजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा. तो बिहारी बेरोजगारों को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा और पलायन में कमी आयेगी. फिलहाल हर साल हजारों की संख्या में बेरोजगार रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाते है. जिन्हें वहां उन्हें काफी कठिनाइयां होती है.

इन क्षेत्रों में मिलेगा प्रशिक्षण

स्किल सेंटर पर एग्रीकल्चर, एयरोस्पेस एंड एक्टिएशन, कृषि, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, ग्रीन जॉब, हेल्थ केयर, पावर, रबर, टेलकम, आयरन एंड स्टील जैसे क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलेगा. प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों से यह सहयोग मिलेगा कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें वहीं काम मिल जाए.

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सात निश्चय-2 के तहत खोले जाएंगे मेगा कौशल केंद्र

इस संबंध में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेंद्र राम ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के आधा दर्जन जिलों में मेगा स्किल केंद्र खोले जायेंगे. बाजार में स्किल्ड श्रम की मांग बढ़ रही है. इसको ध्यान में रखकर सात निश्चय-2 के तहत बिहार के सभी जिलों में मेगा कौशल केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. पायलट परियोजना के तौर पर कुछ जिलों में केंद्र खोले जायेंगे.

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सात माह में एनसीएस पोर्टल पर चार लाख से अधिक बेरोजगारों ने कराया निबंधन

आपको बताते चलें कि बिहार में वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड संख्या में बेरोजगारों ने अब तक निबंधन कराया है. सात महीने में ही नेशनल कैरियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर चार लाख 14 हजार 235 लोगों के निबंधन दर्ज हैं. यह अब तक के वर्षों में सबसे अधिक है. देश में अब तक एक करोड़ 38 लाख से अधिक बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है. इसमें से बिहार के 13 लाख 65 हजार 769 बेरोजगारों शामिल हैं. अगस्त से अक्टूबर के बीच क्रमश: एक लाख 32 हजार 73, सितंबर में 71 हजार 571 और अक्टूबर में 46 हजार 794 बेरोजगारों ने निबंधन कराया है. अप्रैल से जुलाई तक यह संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी.

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