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डॉ रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास की अंगिका कविताएं

डॉ रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास की दो अंगिका कविताएं आपके लिए प्रस्तुत हैं...

डॉ रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास की अंगिका कविताएं इस बार प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हुईं हैं. आपके लिए यहां भी प्रस्तुत हैं…

सौन-भादो के इंजोरिया

सौन भादो के इंजोरिया, दूधौ सें अच्छा

छोट, बड़ तारा चमकै छै एना, जेना अबरख के छिट्टा

कारो – कारो उच्चो नीच्चो, लहरै छै गोच्छा

कखनु – कखनु लटकै छै ऐनां, जेना जुट्टी के लच्छा

सौन भादो के इंजोरिया, दूधौ सें अच्छा

रह-रह क बिजुरिया छिटकै छै जेना

लागै छै तिरछी आंख मारै, कोय बैठी क कोना

दिन-रात करै छै हमरोह सें ठट्ठा

सौन-भादो के इंजोरिया, दूधौ सें अच्छा

बदली के चुनरी में चंदा मुंह छिपाय छै

मतर, पुरबा ने रस-रस घोघो उठाय छै

कखनो इंजोरिया, कखनो अन्हरिया

लागै छै, नैकी दुल्हनियोह सें अच्छा

सौन भादो के इंजोरिया, दूधौ सें अच्छा.

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तरसोइयां

भरी गेलै कुइयां, जुमि गेलै दोल

कत्ते पानी पीबें मोसाफिर, बोलि दे तोंय बोल

गंगा भेलै गंदा, कोसी भेलै लाल

पानी तक तरसोइयां मारै, उपटि गेलै कोल

फूल – फोल सूखी गलै, आरू सूखलै चोइयां

बाग बगीचा, सल – सल करै, डूबे रे लागलै टोल

माल मवेशी कहां रहतै, केनां खैतै पोहिया

कत्ते रे बरसभैं आबे, छोडी दे पनसोइया

उपर त पनसोइया, तरे – तर तरसोइयां

केना क जान बचतै सुनाबें आपन बोल

आमिं गाछी बैठी कोयलिया, करै नै छै शोर

रिमझिम बुंदा बरसै, आबे छोड़ी देबै चोल

पता : जयमंगल टोला, परवत्ता, नवगछिया (भागलपुर), संपर्क : 6200 352483

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