रांची, सतीश कुमार : राजधानी रांची स्थित कांके (गोंदा) डैम प्रदूषित हो गया है. शहर के विभिन्न नालों का गंदा पानी जाने से डैम में एल्गी व जलकुंभी का निमार्ण हो रहा है. गर्मी के मौसम में जलकुंभी के सड़ जाने व कचरे के कारण जलाशय में गाद भर रहा है. यही वजह है कि पहले कांके डैम से जलापूर्ति के लिए जलाशय के जलस्तर 2107 फीट तक पानी लिया था. वर्तमान में गाद भर जाने की वजह से 2112 फीट तक ही पानी जलापूर्ति के लिए लिया जा सकता है. इधर, डैम को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. डैम के पानी की गुणवत्ता में सुधार किया जायेगा.
बता दें कि कांके डैम से रांची की 10 प्रतिशत आबादी को जलापूर्ति की जाती है. कांके डैम से शहर के कांके रोड, मोरहाबादी, अपर बाजार, राजभवन, मुख्य न्यायाधीश आवास, रिनपास, सीएमपीडीआइ आदि क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाती है. कांके डैम में मुख्यत: पंडरा नदी व करमा नदी से पानी आता है. गोंदा डैम के जलजमाव क्षेत्र में घनी बसावट की वजह से डैम का जल ग्रहण क्षेत्र पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. पंडरा नदी व करमा नदी अब बड़े नाले में तब्दील हो गयी है. जलाशय के इर्द-गिर्द बसे मोहल्लों के सीवरेज का पानी जलाशय के पानी को प्रदूषित कर रहा है. वहीं, कांके डैम के कैचमेंट एरिया में दर्जनों मकान का निर्माण कर लिया गया है. नगर निगम की ओर से कई बार अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश दिया गया है. इधर, कांके डैम के जल की गुणवत्ता में सुधार को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (इओआइ) निकाल कर कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. आठ दिसंबर को कंपनियों की प्री-बीड मीटिंग बुलायी गयी है. वहीं, निविदा भरने की अंतिम तिथि 17 दिसंबर निर्धारित की गयी है.
Also Read: झारखंड : NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ईडी के रवैये पर जतायी नाराजगी, फैसला सुरक्षित