बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पटना विश्वविद्यालय में हुई गोलीबारी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पटना विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ केसी सिन्हा और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा को राजभवन तलब किया. जहां राज्यपाल ने उनसे विश्वविद्यालय में हुई गोलीबारी की घटना के बारे में व्यापक जानकारी ली और दो टूक निर्देश दिए कि इस मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही इस घटना में कथित तौर पर शामिल बाहरी व्यक्तियों को भी चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश
राज्यपाल ने इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन को संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाने के भी निर्देश दिये.
राज्यपाल ने VC और SSP को आधे घंटे तक दी हिदायत
जानकारी के मुताबिक राज्यपाल द्वारा तलब किए जाने के बाद कुलपति डॉ सिन्हा और एसएसपी करीब साढ़े तीन बजे राजभवन पहुंचे. राज्यपाल ने करीब आधा धंटे तक दोनों अफसरों को हिदायत दी. खासतौर पर कहा कि विश्वविद्यालय में शांति व्यवस्था के लिए मिल कर काम करें.
कुलपति ने मंगलवार को बुलाई बैठक
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान प्रभारी कुलपति सिन्हा ने उन्हें विश्वविद्यालय में पहले हुई असमाजिक गतिविधियों की भी सिलसिलेबार जानकारी दी. राज्यपाल ने इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उन्हें दिशा निर्देश दिये. कुलपति डॉ सिन्हा ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में एक बड़ी बैठक बुलायी है. इस बैठक पुलिस अफसर भी शामिल रहेंगे. इस बैठक में राज्यपाल के निर्देशानुसार उच्चस्तरीय विमर्श कर विश्वविद्यालय में भविष्य में असमाजिक गतिविधियां रोकने के लिए जरूरी रणनीति बनायी जायेगी.
बमबाजी से दहल उठा पटना यूनिवर्सिटी
बता दें कि पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में सोमवार की सुबह ताबड़तोड़ बमबाजी और फायरिंग की गई. यह घटना उस वक्त हुई जब यूनिवर्सिटी में चारों ओर छात्र मौजूद थे. क्लास चल रही थी. जैसे ही यह बमबाजी शुरू हुई कैंपस में अफरा-तफरी मच गयी. क्लास कर रहे बच्चे भागने लगे. कैंपस में मौजूद अन्य छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि किधर भागे कैंपस में मौजूद मिंटो, जैक्सन, इकबाल और नदवी हॉस्टल के छात्र एक दूसरे पर ताबड़तोड़ बमबाजी कर रहे थे.
Also Read: बिहार: पीयू कैंपस में छात्रों के दो गुटों में झड़प, मारपीट के बाद पुलिस की टीम तैनातपत्थरबाजी का वीडियो भी आया सामने
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पीरबहोर थाने की पुलिस पहुंच गयी. साथ ही साथ गांधी मैदान और कदमकुआं थाने की पुलिस को भी कैंपस में बुला लिया गया. भारी संख्या में पुलिस को देख उपद्रवी छात्र मौके से फरार हो गये. पुलिस ने छानबीन शुरू कि तो कैंपस से एक जिंदा सुतली बम और एक खोखा बरामद हुआ है. बताया गया कि वर्चस्व और क्लास में हुए छोटे-छोटे विवाद को लेकर पूरी घटना को अंजाम दिया गया है. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में किसी की भी घायल होने की सूचना नहीं मिली है. वहीं बमबाजी और पत्थरबाजी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कैंपस ग्राउंड से दर्जनों की संख्या में छात्र बम और पत्थर हॉस्टल पर फेंकते दिख रहे हैं.
मिंटो और जैक्सन हॉस्टल के छात्रों पर बमबाजी का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह 11 बजे मौलाना अबुल हसन अली नदवी अल्पसंख्यक छात्रावास और इकबाल छात्रावास पर मिंटो और जैक्सन के छात्रों ने एक साथ बमबाजी और फायरिंग शुरू कर दी. मौके से एक जिंदा देसी बम भी बरामद किया गया है, जिसे कैंपस के अंदर बनायी गयी पुलिस चौकी में रखा गया है. बरामद सुतली बम को पानी में डालकर पुलिस ने डिफ्यूज किया. यही नहीं छात्रों के हॉस्टल में दर्जनों राउंड फायरिंग भी हुई है. इसके अलावा छापेमारी के दौरान पुलिस को लोहे की रॉड और डंडे मिले हैं. टाउन डीएसपी ने बताया कि घटना के दौरान टीओपी पुलिस चाहती तो मामले को बढ़ने से रोक सकती थी. कैंपस में छात्र बमबाजी कर रहे थे तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है. मामले की जांच की जायेगी और लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी .
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