चार राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे सामने आ गये हैं जिसने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. इस बीच जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर सकते हैं. इस मुलाकात की वजह इस्तीफा सौंपना बताया जा रहा है. आपको बता दें कि 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 163 सीट पर बीजेपी ने बाजी मारी है जबकि कांग्रेस 66 सीट पर सिमट गई है. चुनाव परिणाम के पहले कांग्रेस जीत का दंभ भर रही थी. इधर, प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ा है. इवीएम को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज वेबसाइट की कटिंग शेयर करते हुए लिखा- चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है. मैंने 2003 से ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है. क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों के नियंत्रण से बचा सकते हैं. आगे उन्होंने लिखा कि यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा. माननीय चुनाव आयोग और माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?
Also Read: MP का अगला मुख्यमंत्री कौन? शिवराज सिंह चौहान के अलावा इन नामों पर लग सकती है मुहर
टूट जाएगा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’?
इस बीच कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से क्या विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर कोई असर पड़ेगा ? यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान के बारे में माना जा रहा है कि वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक समाजवादी पार्टी(सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार सहित अन्य नेताओं के खिलाफ सीट बांटवारे को लेकर कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणियों से भी नाराज है. बताया जा रहा है कि चुनाव में जहां सपा केवल चार से छह सीटों की डिमांड कर रही थी. वहीं जदयू ने महज एक सीट पर दावेदारी पेश करती नजर आ रही थी जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष सहमत नहीं दिखे. साल 2024 में बीजेपी से मुकाबले करने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बना है.
Any Machine with a Chip can be hacked. I have opposed voting by EVM since 2003. Can we allow our Indian Democracy to be controlled by Professional Hackers! This is the Fundamental Question which all Political Parties have to address to. Hon ECI and Hon Supreme Court would you… https://t.co/8dnBNJjVTQ
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 5, 2023
-छत्तीसगढ़ में जनता से किए गए वादे, महादेव सट्टेबाजी ऐप मुद्दा और हिंदुत्व कार्ड उन प्रमुख कारकों में से हैं, जिन्होंने बीजेपी को पांच साल बाद सत्ता तक पहुंचाया है. आपको बता दें कि 2000 में राज्य के गठन के बाद पहली बार है जब बीजेपी ने यहां ने 50 सीटों का आंकड़ा पार किया है.
-मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लगभग 48.55 प्रतिशत वोट मिले जो कांग्रेस की तुलना में आठ प्रतिशत ज्यादा है. इस बढ़त की बदौलत बीजेपी ने न केवल 163 सीट पर जीत दर्ज की है बल्कि प्रदेश की द्वि-ध्रुवीय राजनीति में अपनी स्थिति भी पहले से मजबूत कर ली है.
Also Read: ‘बार-बार मोदी सरकार, तीसरी बार मोदी सरकार’, तीन राज्यों में जीत के बाद लोकसभा में लगे नारे
-राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार, बीजेपी ने 115 सीट पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस को 69 सीटें मिली हैं. भारत आदिवासी पार्टी (भाआपा) को तीन व बहुजन समाज पार्टी (बसपा)को दो सीटें मिली हैं.