कोलकाता , विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता (kolkata) लगातार तीसरे वर्ष 2022 में सबसे सुरक्षित शहर के रूप में उभरा है. जहां प्रति लाख आबादी पर स्थानीय थानों में सबसे कम संज्ञेय अपराध दर्ज किये गये. पिछले वर्ष भी कोलकाता जारी सूची में सबसे निचले स्थान पर था. इस वर्ष के आंकड़े जारी होने के साथ कोलकाता ने बीते पांच वर्षों में चार बार : 2018, 2020, 2021 और 2022 में देश में सबसे कम अपराध होनेवाले शहरों में अपना स्थान बरकरार रखा है.
वर्ष 2019 में एनसीआरबी की तरफ से दावा किया गया था कि उसे राज्य का डेटा प्राप्त नहीं हुआ था. 86.5 (प्रति एक लाख लोगों के दर्ज किये गये संज्ञेय अपराधों की संख्या) के स्कोर के साथ, कोलकाता के नवीनतम आंकड़े पिछले साल की तुलना में भी बेहतर हैं, जब इसका स्कोर 103.4 था. पुणे इस सूची में 280.7 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसके बाद हैदराबाद (299.2), कोयम्बटुर (430), चेन्नई (450.1) और मुंबई (483.9) का नाम आता है.
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वहीं अपराध के मामले में सबसे खराब स्थिति दिल्ली शहर की हैं. यहां पर अपराध की संख्या प्रति लाख व्यक्ति पर 1952.5 है. दिल्ली के बाद खराब स्थिति केरल के कोच्चि शहर का है. यहां पर अपराध का दर 1358,2 है. इंदौर में 1251 और सूरत में अपराध का दर 1206 दर्ज किया गया है.
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कोलकाता का नाम उन शहरों में भी शामिल है, जहां दुष्कर्म के प्रयास का भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. यहां 2019 में दुष्कर्म के 14 वहीं 2020 में 11 मामले थे. राजस्थान में पिछले वर्ष दुष्कर्म के सबसे ज्यादा 6,337 मामले दर्ज किए गए, जबकि नगालैंड में सबसे कम चार मामले दर्ज हुए हैं. पश्चिम बंगाल में बलात्कार के 1,123 मामले दर्ज किए गए. कुल मिलाकर भारत में पिछले साल दुष्कर्म के 31,677 मामले दर्ज हुए हैं.
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