22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में नफरत के खिलाफ आठ से 12 दिसंबर तक होगी ढाई आखर प्रेम पदयात्रा

ढाई आखर प्रेम कबीर का संदेश है. भगत सिंह, बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू मुर्मू और गांधी का संदेश है. रैदास का संदेश है. ढाई आखर प्रेम संदेश है भाईचारा का. यह सांस्कृतिक यात्रा उत्सव है लोक परंपरा का, जिसके लिए झारखंड प्रसिद्ध है.

रांची: झारखंड में आठ से 12 दिसंबर तक नफरत के खिलाफ ढाई आखर प्रेम पदयात्रा होगी. यह यात्रा समाज में फैल रही नफरत को मिटाने के लिए एक सांस्कृतिक पैदल यात्रा समता, बंधुता और एकता के नाम निकाली जा रही है. जिसका नाम ‘ढाई आखर प्रेम’ है. इसकी जानकारी पत्रकारों को संबोधित करते हुए (इप्टा) भारतीय जन नाट्य संघ रांची जिला अध्यक्ष पंकज मित्र ने दी. उन्होंने बताया कि यह पदयात्रा राजस्थान से भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर 2023 से शुरू हो चुकी है. यह यात्रा गांधी के शहादत की तारीख 30 जनवरी को दिल्ली में खत्म होगी. आपको बता दें कि राजस्थान, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, ओडिशा, जम्मू, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक से होते हुए यह यात्रा 8 दिसबर से 12 दिसंबर तक झारखंड में होगी. यह यात्रा विभूतिभूषण बंदद्योपाध्याय की कर्मभूमि घाटशिला से इस्पात नगरी जमशेदपुर तक होगी.

नफरत और सांप्रदायिकता का जवाब है ये यात्रा

ढाई आखर प्रेम कबीर का संदेश है. भगत सिंह, बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू मुर्मू और गांधी का संदेश है. रैदास का संदेश है. ढाई आखर प्रेम संदेश है भाईचारा का, एकता का, बंधुत्व का, गंगा जमुनी तहजीब का. नफरत और सांप्रदायिकता का जवाब है ‘ढाई आखर प्रेम’. यह सांस्कृतिक यात्रा उत्सव है लोक परंपरा का, जिसके लिए झारखंड प्रसिद्ध है. बुधु भगत, बिरसा मुंडा, सिदो-कानू, शेख भिखारी, पंडित रघुनाथ मुर्मू जैसे वीरों- समाज सुधारकों की विरासत को आगे बढ़ाने का उत्सव है. आदिकाल से बहने वाली प्रेम की यह अविरल धारा मीरा, नानक, रैदास, खुसरो, रहीमन, रसखान से गुजरते हुए कबीर के दोहे ढाई आखर प्रेम का पढे से पंडित होय में मुखरित हो उठती है. हिंसा, घृणा और युद्ध से भरी इस दुनिया में प्रेम ही हमारी एकमात्र आशा है. इस सांस्कृतिक जत्था में गीत, नृत्य और नाटक की प्रस्तुति होगी. स्थानीय लोककला से जुड़े कलाकारों के साथ संवाद होगा. हथकरघा से बनी चीजें लोगों के बीच ले जायी जायेंगी. इस यात्रा को इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच और अन्य सांस्कृतिक संगठनों का समर्थन हासिल है.

Also Read: झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले-20 साल शासन कर बना दिया पिछड़ा, हम मिटाएंगे कलंक

झारखंड में आठ से 12 दिसंबर तक है पदयात्रा

आठ से 12 दिसंबर तक घाटशिला से जमशेदपुर के बीच के इस राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था में सहभागी बनने के लिए आपका स्वागत है. आप इस जत्थे में हमारे दोस्त, सहयोगी, सहयात्री के रूप में सहज ही समान रूप से शामिल हो सकते हैं. यह आयोजन ढाई आखर प्रेम पदयात्रा आयोजन समिति, झारखंड द्वारा किया गया. इस मौके पर झारखंड इप्टा के वरिष्ठ रंगकर्मी श्यामल मलिक, रांची जिला अध्यक्ष पंकज मित्र, जलेस के राज्य सचिव एम जेड खान, सदस्य प्रवीण परिमल, रांची जिला इप्टा उपाध्यक्ष परवेज कुरैशी उपस्थित थे.

Also Read: Cyclone Michaung: चक्रवाती तूफान मिचौंग से झारखंड में बदला मौसम का मिजाज, कब तक हैं बारिश के आसार?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें