Astrotips: सरकारी नौकरी और बिज़नस में से क्या करना ज्यादा सही है, यह निर्णय आपकी व्यक्तिगत रूचि, योग्यता, संसाधनों और लक्ष्यों पर निर्भर करता है. यदि नौकरी की सुरक्षा और स्थिरता सर्वोच्च प्राथमिकता है, तो सरकारी नौकरी सबसे अच्छा विकल्प है. हालांकि, यदि कोई व्यक्ति करियर विकास और गतिशील कार्य वातावरण को महत्व देता है, तो निजी बिजनेस बेहतर विकल्प हो सकती है. अंत में निर्णय लेने से पहले दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान पर विचार करना महत्वपूर्ण है. क्योंकि नौकरी और व्यवसाय के बीच में सही चुनाव किसी भी व्यक्ति की जिंदगी बदल सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई ग्रह और भाव है, जिनके संयोजन से यह पता लगाया जा सकता है कि जातक के लिए नौकरी और व्यापार में से क्या उचित रहेगा. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य-टैरो कार्ड रीडर और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ रितु तिवारी से कि नौकरी कौन सा ग्रह दिलाता है…
शनि देव ही नौकरी के कारक ग्रह माने गए हैं. फिर भी हर एक की कुंडली और राशि अलग-अलग होती है. आपके 10वें भाव में जो भी राशि आए समझ लें वहीं ग्रह आपको नौकरी दिलाएगा. राहु को सामान्य तौर पर अशुभ प्रभाव देने के लिए जाना जाता है और इसे एक ऐसा ग्रह माना जाता है, जो काम में आलस्य, देरी और बाधा उत्पन्न करता है. जन्मतिथि से नौकरी या बिजनेस के बारे में जाना जा सकता है. दसम भाव, भावेश तथा राशि की प्रबलता से आप अपने लिए नौकरी और बिजनेस में से सबसे उत्तम बिकल्प चुन सकते है.
यदि जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, तो वह बहुत जल्दी सरकारी नौकरी को प्राप्त कर लेता है. मंगल ग्रह की दशा अगर कमजोर होती है तो जातक सरकारी मेहनत के बाद भी सरकारी नौकरी पाने में विफल हो सकता है. नौकरी छूटने के लिए कुंडली में अशुभ ग्रहों की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है. राहु-केतु और शनि के प्रभाव से नौकरी छूट सकती है.
नौकरी के लिए कौन सी दशा अच्छी है?
बृहस्पति महादशा नौकरी के लिए शुभ माना जाता है. देव गुरु बृहस्पति विस्तार, विकास और ज्ञान का ग्रह है. यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति मजबूत और सकारात्मक स्थिति में है, तो इसकी महादशा नौकरी के अवसर और करियर में वृद्धि ला सकती है. यह दशा शिक्षण, कानून और आध्यात्मिकता से संबंधित क्षेत्रों में अवसरों का भी संकेत दे सकती है.
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कोई व्यक्ति नौकरी करेगा या व्यापार, यह कुंडली के निम्न योगों से पता चलता है. अगर दशम व छठे भाव में कोई संबंध हो तो जातक नौकरी करेगा. यदि दशम व छठे भाव के स्वामी अच्छी स्थिति में होकर परिवर्तन योग बनाते हैं तथा दशम भाव में सूर्य अथवा मंगल या दोनों कारक होकर बैठते हैं तो जातक सरकारी नौकरी करेगा व बहुत अच्छे पद पर होगा.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब जातक की कुंडली में केंद्र स्थान पर उच्च राशि का ग्रह विराजमान हो तो उससे सरकारी नौकरी का प्रबल योग बनता है, इसके साथ कुंडली के दसवें भाव में किसी शुभ ग्रह विराजमान हो तो सरकारी नौकरी का योग बनता है.
भाग्य का ग्रह कौन सा है?
गुरू नवम स्थान का स्वामी ग्रह माना जाता है. गुरू का इस स्थान में होना उत्तम माना जाता है. ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय 24वें वर्ष में होता है, इन्हें भाग्य का साथ हमेशा मिलता रहता है. वहीं ग्रह देवता शनि भाग्य वृद्धि कारक है. शनि देव की पूजा से नौकरी मिलने के योग बन जाते हैं. नीलम रत्न और तेल से शनिदेव को प्रसन्न करें. शनि चालीसा का पाठ भी लाभकारी है.
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने का विशेष फल प्राप्त होता है, इससे नौकरी में आ रही चुनौतियों का सामना करने की साहस और शक्ति मिलती है, इसके साथ ही नीलम धारण करने से भी नौकरी में आ रही बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है. हालांकि नीलम पहनने से पहले ज्योतिषीय सलाह जरूर लें.
ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.