Dhanbad Crime News: अमन सिंह की हत्या के आरोपी रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो से सरायढेला में पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. उसे सोमवार को पांच दिनों की रिमांड पर लिया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्यारोपी रितेश यादव उर्फ सुंदर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उसका कहना है कि उसने ही अमन सिंह को एक पिस्टल से नौ गोली मारी है. पिस्टल के मैगजीन में कुल 14 गोलियां थी. जब अमन सिंह अस्पताल वार्ड के बिस्तर पर लेट कर गाना सुन रहा था, तभी वह पिस्टल लेकर उसके पास गया और दनादन गोलियां चलाने लगा. अंत में उसके सिर पर गोली मारी. जब वह पूरी तरह से संतुष्ट हो गया कि अमन सिंह की मौत हो गयी, तब वह वहां से हटा और पिस्टल को जेल परिसर से बाहर बेकारबांध की तरफ फेंक दिया. उसने बताया कि उसके पास दो पिस्टल आयी थी. लेकिन वह यह नहीं बता रहा है कि उसे पिस्टल किसने दी और पिस्टल कैसे आयी. उसने स्वीकार किया कि इस हत्याकांड का साजिशकर्ता आशीष रंजन उर्फ छोटू व रिंकू सिंह है. दोनों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए अच्छी खासी राशि देने की बात कही थी.
कई बंदियों ने की मदद
रितेश ने बताया कि वह जेल में कुछ दिन पहले (25 नवंबर) ही आया था. इस लिए सभी बंदियों का नाम नहीं जानता है. लेकिन हत्या के पहले और बाद में कई बंदियों ने उसका सहयोग किया. इसमें कुछ का नाम उसने पुलिस को बताया है.
दोनों पिस्टल व गोली भेजी जायेगी एफएसएल
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक ही पिस्टल से गोली मारी गयी थी, लेकिन बैकअप के लिए दो पिस्टल मंगवाया गयी थी. घटना को अंजाम देने के बाद पिस्टल को फेंक दिया गया जो बाद में जेल के बाहर से बरामद की गयी. दोनों पिस्टल लोडेड है. एक पिस्टल से गोली चलायी गयी है. घटनास्थल से सात खोखा व एक पैलेट बरामद किया गया है. पिस्टल और गोलियों को एफएसएल में जांच के लिए भेजा जायेगा.
पैर दबानेवाले ने ही अमन सिंह के शरीर में उतार दी गोली
गैंगस्टर अमन सिंह को अपनी जान का खतरा था और इसलिए वह अपने आसपास किसी को भटकने तक नहीं देता था. गिनती के ही लोग थे, जो उसके वार्ड से बाहर आने के बाद उससे मिलते व बात करते थे, लेकिन रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो जेल के अंदर आते ही उसका करीबी बन गया. सूत्रों ने बताया कि 25 नवंबर को रितेश जेल में आया और उसके दो दिन के बाद ही अमन सिंह का सेवक बन गया. वह अमन सिंह का पैर दबाने का काम करता था, लेकिन अमन को कहां पता था जो उसका पैर दबा रहा है, वही उसका काल बन जायेगा. उसे कहां पता था कि रितेश पिस्टल लेकर अमन सिंह के शरीर में कई गोलियां उतार देगा.
पिंटू, गोडविन समेत 23 होंगे दूसरे जेल में शिफ्ट
धनबाद जेल में रविवार को गैंगस्टर अमन सिंह को गोली मार कर हत्या करने के बाद जेल की विधि व्यवस्था कभी भी बिगड़ सकती थी. इसे लेकर जेल प्रशासन ने अंदर के विधि व्यवस्था को लेकर 23 बंदियों को राज्य के दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. इसमें पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों के हत्याकांड में बंद पिंटू सिंह से लेकर फरार अपराधी प्रिंस खान के दोनों भाई गोवडवीन खान व बंटी खान को भी दूसरे जेल में शिफ्ट किया जायेगा.
अमन सिंह की करीबी महिला के कई सामान जब्त
जेल में अमन सिंह के हत्या के बाद जिला व पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. इसी क्रम में कार्यपालक दंडाधिकारी रविंद्र नाथ ठाकुर ने टीम लेकर धनबाद जेल के महिला वार्ड में छापामारी की. छापामारी में महिला बंदी मालती टुडू द्वारा अपने अंडरगार्मेंट में छिपा कर रखा हुआ 16 जीबी का पेन ड्राइव बरामद हुआ. पूछताछ में उसने बताया कि महिला बंदी सोनाली सिंह ने उसे दिया था. जबकि महिला वार्ड में ही टीम को एक मोबाइल, एक ईयर बड्स, 18150 रुपये, पेन ड्राइव बरामद किये गये. इसके बाद वार्ड संख्या चार के बरामदा के स्वीच बोर्ड पर तीन चार्जर का एडपटर, दो चार्जिंग केबल, पांच लाइटर, दो कीपैड कैमरा मोबाइल, एक पेचकस, एक ब्लेड, एक छोटा चाकू, गांजा पीने का छोटा चिलम, दो बंडल बीड़ी, एक बाल काटने वाला कैंची बरामद किया गया. वहीं दोनों महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. जबकि बताया जाता है कि सोनाली सिंह, अमन सिंह की करीबी थी.
हत्या के बाद दो गुट में मारपीट, टीवी तोड़ा, नौ पर मामला दर्ज
अमन सिंह के हत्या के बाद दो गुट में जमकर मारपीट की घटना हुई. दोनों गुट के गुर्गे अमन सिंह के थे, लेकिन जो बाद में अलग होकर उसके विरोधी बने उसमें और जो साथ में था उसके बीच मारपीट हुई. इस मामले को लेकर जेलर (अभी निलंबित) मुस्तकीम अंसारी ने कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी. उन्होंने बताया कि गोली लगने के बाद दफा प्रभारी रंजीत कुमार द्वारा बताया गया कि बंदियों के दो गुट आपस में वार्ड संख्या तीन में टीवी को तोड़ा एवं वार्ड पांच में मारपीट करने लगे और सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है. इस मारपीट में अमन सिंह के विरोधी गुट विकास रवानी उर्फ विकास बजरंगी, चंदन यादव, सतीश कुमार उर्फ गांधी, अमर रवानी व अन्य इसके अलावा उसके पक्ष के कुंदन कुमार धिक्कार उर्फ रोहित, वैभव यादव उर्फ राहुल सिंह, आशीष शुक्ला उर्फ सत्यम उर्फ प्रिंस, दिनेश कुमार गौड़, गोलू यादव व अन्य के बीच जमकर मारपीट हुई है और इसमें इसमें आधा दर्जन बंदी घायल हो गये, जिनका जेल अस्पताल में इलाज करवाया गया.
आर्म्स जेल में कैसे पहुंचा, सीसीटीवी खंगाला जा रहा : जेल आइजी
धनबाद मंडल कारा में अपराधी अमन सिंह की हत्या मामले में तीन सदस्यीय टीम हर पहलू की जांच कर रही है. जेल आइजी उमाशंकर सिंह ने बताया कि जेल में आर्म्स कैसे पहुंचा, इसके लिए जेल के हर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. यह तो साफ हो गया है कि जेलकर्मियों की मिलीभगत से ही आर्म्स जेल में पहुंचा था, लेकिन इसमें किसकी-किसकी मिलीभगत है, इसकी विशेष रूप से जांच की जा रही है. प्रारंभिक तौर पर जिनकी संलिप्तता सामने आयी थी, उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी गयी है. उनके अलावा जिस किसी कर्मी की इसमें संलिप्तता होगी, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जेल आइजी ने बताया कि बुधवार तक तीन सदस्यीय टीम जांच पूरी कर लेगी. उसके बाद टीम जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
जेलर व कक्षपालों को सेवा से बर्खास्त करने की मांग
झारखंड बचाओ मोर्चा के वरिष्ठ नेता विजय शंकर नायक ने मुख्यमंत्री से धनबाद मंडल कारा के जेलर और सभी पांचों कक्षपालों को सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि धनबाद जेल में हुई हत्या के दोषी हत्यारों को फास्ट ट्रैक के माध्यम से अविलंब सजा दिलायी जाये. पांच सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जाये कि हाई सिक्योरिटी वाले जेल में एक नहीं, दो-दो पिस्तौल कैसे पहुंचे और न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी की गोली मार कर हत्या कैसे कर दी गयी? धनबाद के जेलर और सभी पांच कक्षपालों की निजी चल-अचल संपत्ति की जांच भी होनी चाहिए.
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