लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल पेश कर दिया गया है. जिसके बाद जोरदार बहस शुरू हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है. जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई. चर्चा के दौरान शाह ने कहा, धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में 45 हजार मौतें हुई हैं. गृह मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिम्मत करके 370 को हटाया. आज कश्मीर की स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है, 2021 में 30 साल के बाद सिनेमा हॉल खुले. पत्थरबाजी की घटना पर शाह ने कहा, 370 हटने के बाद वहां एक कंकड़ भी नहीं चला है.
लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए: शाह
अमित शाह ने कहा, समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है. उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो. अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है. इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है.
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on The Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2023 & The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2023
He says, "Pakistan attacked Kashmir in 1947 in which around 31,789 families were displaced…10,065 families were… pic.twitter.com/WerMOQreco
— ANI (@ANI) December 6, 2023
कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर बोले शाह- कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की. किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है. मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है. ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं. नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए. वे गरीबों का दर्द जानते हैं.
46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, 1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वह बड़ा भयावह दृश्य था. जो लोग इस जमीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी ने उनकी परवाह नहीं की. जिन लोगों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी थी वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे. जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया, तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए. वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए. यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए है.