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मध्य प्रदेश का गरीब विधायक! रहते हैं मिट्टी के घर में, पानी टपकता है छत से, कभी करते थे मजदूरी

कमलेश्वर डोडियार 33 साल के है. विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हर्ष विजय गहलोत को 4,618 के अंतर से हराया है. इनकी गिनती गरीब विधायकों में होती है. डोडियार ने परिवार का भरण पोषण करने के लिए घूम घूककर अंडा भी बेचा.

मध्य प्रदेश में हुए चुनाव के परिणाम के बाद कई ऐसी खबरें हैं जो मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है. इस बीच एक खबर की चर्चा जोरों पर हो रही है. दरअसल, नवनिर्वाचित मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे अमीर विधायक ने 223 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने चुनाव जीतने वाले सभी 230 उम्मीदवारों के एफिडेविट का एनालिसिस किया है जिसे पब्लिक किया गया है. ADR की रिपोर्ट पर नजर डालें तो, रतलाम जिले की सैलाना सीट से चुनाव जीत दर्ज करने वाले कमलेश्वर डोडियार सबसे गरीब विधायक हैं जो भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले आरक्षित आदिवासी सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे.

डोडियार ने किस उम्मीदवार को किया पराजित

कमलेश्वर डोडियार की बात करें तो वह 33 साल के है. विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हर्ष विजय गहलोत को 4,618 के अंतर से पराजित किया है. आपको बता दें कि सैलाना एकमात्र सीट है, जिसपर बीजेपी या कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी ने जीत का परचम लहराया है. डोडियार का बचपन काफी कठिनाईयों में गुजरा है. अपनी पढ़ाई के लिए उन्हें एक मजदूर और टिफिन डिलीवरी बॉय के रूप में काम किया है. वह एक ऐसे शख्स हैं जो साधारण जीवन व्यतित करने में विश्वास करते हैं. वह वर्तमान समय में भी एक मिट्टी के घर में रहते हैं. यदि कभी बारिश होती है तो उनके घर की छत टपकती है. वह एक ऐसे विधायक बने हैं जिनके पास खुद की गाड़ी भी नहीं है.

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जीत के बाद नवनिर्वाचित विधायक डोडियार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के सहयोगियों ने चुनाव अभियान में मेरा साथ दिया जिसकी वजह से मैं आज इस मुकाम में पहुंचा हूं. ये मेरे ऐसे समर्थक हैं जिन्होंने खाली पेट चुनावी मैदान में प्रचार करने का काम किया. इसके लिए मैं उनका सदा आभारी रहूंगा. यही नहीं उन्होंने मेरे लिए चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जेब से खर्चा उठाया. उन्होंने कहा कि मुझे सचिवालय में डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए तुरंत राजधानी भोपाल का रुख करना पड़ा. मैं बाइक से ही भोपाल चल पड़ा क्योंकि मेरे पास कार नहीं है.

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अंडे भी बेचने पड़े कमलेश्वर डोडियार को

कमलेश्वर डोडियार आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. सैलाना निर्वाचन क्षेत्र के राधा कुआं गांव में उनका जन्म हुआ. डोडियार के ऊपर घर की जिम्मेदारी थी जिसे निभाने के लिए वे गांव में घूमकर अंडे भी बेचा करते थे. उन्होंने आर्ट्स में ग्रैजुएशन की डिग्री ली. यही नहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई के दौरान एक्स्ट्रा इनकम का उन्होंने सोचा और दिल्ली में टिफिन डिलिवरी का काम किया. गौर हो कि कमलेश्वर डोडियार ने 2018 में सैलाना विधानसभा सीट से निर्दलीय के रूप में अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें पराजय मिली. 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी वे मैदान में उतरे, लेकिन फिर से हार गए. आखिरकार 2023 में उन्हें सफलता मिली.

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