बिहार में दिसंबर 2016 में हुए रेल लाइन में बम विस्फोट की कोशिश में शामिल रहे दो नेपाली नागरिकों को नेपाल की एक विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. दोनों नेपाल में रह कर पाकिस्तान की आइएसआइ एजेंसी के साथ मिलकर भारत विरोधी आतंकी घटना में शामिल रहते थे. काठमांडू स्थित विशेष अदालत के अध्यक्ष टेकनारायण कुंवर, सदस्य मुरारी बाबु श्रेष्ठ व रितेंद्र बाबु थापा की संयुक्त पीठ द्वारा समसुल होदा व गिरी बाबा उर्फ वृजकिशोर गिरी के आतंकवादी गतिविधि में शामिल होने की पुष्टि की गयी है.
अगली सुनवाई में होगी सजा
जांच के शुरुआती चरण में इन लोगों पर मनी लांड्रिंग विभाग के द्वारा अनुसंधान कर विशेष अदालत में मामला दर्ज किया गया था. विभाग के दावा अनुसार अदालत के द्वारा इन दोनों को आतंकवादी गतिविधि में निवेश करने कि पुष्टि हुई है. लेकिन, सजा के फैसले का निर्धारण अगली सुनवाई में होगा. नेपाल के आतंकवाद विरोधी दस्ता के एक अधिकारी के अनुसार समसुल होदा नेपाल के बारा जिले के कलैया निवासी है. वह दुबई में रहकर पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर भारत विरोधी आतंकवादी योजना बनाने का काम करता था.
बम विस्फोट के लिये नेपाली व भारतीय युवा को करता था संगठित
होदा द्वारा नेपाली व भारतीय युवा को संगठित कर नेपाल से बिहार में रेलवे ट्रैक में बम विस्फोट करने की योजना बनायी गयी थी. योजना अनुसार बम भी रखा गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से बम विस्फोट नहीं हुआ. इन सभी कार्य के लिए इसके पास पाकिस्तान से फंड आता था. इसके बाद वह दुबई से नेपाल में रहे गुट को पैसा भेजता था. बम बिस्फोट की योजना असफल होने के बाद इस कार्य में शामिल दो भारतीय नागरिकों की हत्या करवाकर जंगल में फेंक दिया था, जिसके अनुसंधान में पुलिस को इसका कनेक्शन होदा से जुड़ा मिला.
महिला की वेष में ससुराल में छिपा था गिरी
भारत विरुद्ध आतंकी गतिविधि के योजनाकार के रूप में नेपाल के सिमरा के बृजकिशोर गिरी का नाम सामने आने के बाद पुलिस गिरी की तलाश में लग गयी. काफी खोजबिन के बाद नेपाल पुलिस के आतंकवाद विरुद्ध दस्ता को सूचना मिली कि वह बारा जिले के बिजबनिया वार्ड संख्या 07 में अजय गिरी के घर में छुप कर रह रहा है. वहां पुलिस पहुंची, तो दोनों तरफ से गोलाबारी हुई, जिसमें नेपाल पुलिस द्वारा 6 राउंड गोलियां चलायी गयीं. वहीं घर से एक महिला भागती दिखी. शंका के आधार पर पुलिस द्वारा पांव में गोली मार कर नियंत्रण में लेने के बाद महिला के वेष में गिरी के होने की बात सामने आयी.
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दोनों देश की संयुक्त एजेंसी कर रही थी जांच
हत्या व आतंकवाद से मामला जुड़ने के बाद नेपाल में विशेष ब्यूरो व भारत में स्पेशल टाक्स फोर्स द्वारा इस मामले का अनुसंधान शुरू किया गया था. इसके बाद नेपाल में पहले तीन की गिरफ्तारी हुई, जिसकी निशानदेही पर एसटीएफ द्वारा मोती पासवान, उमाशंकर पटेल व मुकेश यादव को गिरफ्तार किया गया था. एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार तीनों आरोपियों द्वारा घोडासन व आदापुर नकरदेही में रेलवे लाइन में विस्फोटक की योजना अनुसार बम रखने की बात कबूल की गयी थी, लेकिन, प्रेसर कुकर बम में तार नहीं जुटने से बम विस्फोट नहीं होने की बात इनके द्वारा कही गयी. इसके बाद अनुसंधान में इस घटना के मुख्य योजनाकार के रूप में मास्टरमाइंड दुबई में रहे नेपाली नागरिक समसुल होदा के होने की पुष्टि हुई थी.